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पंजाब में बुढ़ापा नहीं बनेगा बोझ! जानिए कैसे मान सरकार दे रही सहारा- पढ़ें पूरी जानकारी

पंजाब सरकार की बुजुर्गों के कल्याण के लिए चलाई जा रही बुढ़ापा पेंशन योजना के तहत जून 2025 तक राज्य के लाखों वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिली है.

👤 Golu Dwivedi 28 Jul 2025 01:03 PM

पंजाब सरकार की बुजुर्गों के कल्याण के लिए चलाई जा रही बुढ़ापा पेंशन योजना के तहत जून 2025 तक राज्य के लाखों वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने इस योजना के अंतर्गत अब तक 1347 करोड़ रुपये की राशि जारी की है, जिससे प्रदेश के बुज़ुर्गों को आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता मिल रही है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि योजना का लाभ 22.75 लाख वरिष्ठ नागरिकों को दिया गया है. डॉ. कौर ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पेंशन की राशि समयबद्ध ढंग से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होनी चाहिए.

चालू वित्त वर्ष में बुढ़ापा पेंशन योजना के लिए 4100 करोड़ का बजट

पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में बुजुर्गों की भलाई हेतु 4100 करोड़ रुपये का बजट पेंशन योजना के लिए तय किया है। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के हर पात्र वरिष्ठ नागरिक को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार मिल सके.

आशीर्वाद योजना के तहत भी जारी की गई आर्थिक मदद

पंजाब सरकार ने इससे पहले "आशीर्वाद योजना" के तहत भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और पिछड़ी जातियों के लिए बड़ी मदद का ऐलान किया था. चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 2634 लाभार्थियों के लिए 13.43 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई.

पेंशन वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर

डॉ. बलजीत कौर ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पेंशन वितरण में कोई देरी न हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि हर लाभार्थी को पेंशन समय पर और बिना किसी रुकावट के प्राप्त हो. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बुजुर्गों की सेवा को अपनी प्राथमिकता मानती है और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

क्या है आशीर्वाद योजना?

पंजाब सरकार की "आशीर्वाद योजना" आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और अनुसूचित जातियों के विवाह योग्य बेटियों को वित्तीय सहायता देने की एक पहल है. इस योजना के तहत सरकार विवाह के समय पात्र परिवारों को एकमुश्त राशि प्रदान करती है ताकि विवाह खर्च में मदद मिल सके. 2025-26 में राज्य ने 2634 लाभार्थियों के लिए 13.43 करोड़ रुपये जारी किए। इसका उद्देश्य सामाजिक समानता को बढ़ावा देना और बेटियों के विवाह में आर्थिक सहयोग देना है.