चंडीगढ़ के डड्डूमाजरा में स्थित डंपिंग ग्राउंड अब केवल बदबू और गंदगी तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि यह सड़क से गुजरने वालों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है. कचरे के पहाड़ हटाने का काम एक निजी कंपनी को सौंपा गया है, लेकिन ट्रकों में भरकर कचरे को हटाने के दौरान यह सड़क पर इस कदर फैल गया है कि धनास से न्यू चंडीगढ़ की ओर जाने वाली सड़क पर पैदल चलना या वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो गया है.
डंपिंग ग्राउंड से हटाया जा रहा कचरा ट्रकों के जरिए ले जाते समय बेतरतीबी से गिराया जा रहा है. लीचेट—कचरे से रिसने वाला गंदा तरल पदार्थ—सड़क पर इस कदर फैल चुका है कि फिसलन और बदबू दोनों ही परेशानी का कारण बन चुके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है.
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर होने के बाद नगर निगम को डंपिंग ग्राउंड से कचरा हटाने का आदेश मिला था. कोर्ट की कई बार सख्ती के बावजूद नगर निगम अब तक कचरे के पहाड़ पूरी तरह से साफ नहीं कर पाया है. हालांकि अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही डंपिंग ग्राउंड को पूरी तरह साफ कर दिया जाएगा.
कई वर्षों से बिना ठोस योजना के डड्डूमाजरा में कचरा फेंका जाता रहा, जिससे वहां तीन बड़े कचरे के पहाड़ बन गए हैं. चंडीगढ़ में प्रतिदिन लगभग 400 टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें 100 टन गीला कचरा होता है. अब इस गीले कचरे को रखने के लिए 20 एकड़ नई ज़मीन दी गई है, लेकिन समय पर उसका निस्तारण नहीं हुआ तो यह जगह भी भविष्य में नया संकट बन सकती है.
डंपिंग ग्राउंड से उठती बदबू और गंदगी से आसपास के सेक्टरों के लोग बुरी तरह प्रभावित हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। लोग नगर निगम की कार्यप्रणाली से नाराज हैं और बार-बार शिकायत के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.