दिल्ली में शराब की बिक्री व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। जल्द ही नई एक्साइज पॉलिसी लागू की जा सकती है, जिसमें शराब की दुकानों की लोकेशन से लेकर कीमतों तक कई बदलाव शामिल होंगे।
नई नीति के तहत शराब की दुकानों को अब आवासीय इलाकों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों से दूर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इन दुकानों को गली-मोहल्लों से हटाकर शॉपिंग कॉम्पलेक्स और मॉल्स में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों को असुविधा न हो। सरकार चाहती है कि शराब बिक्री नियंत्रित और व्यवस्थित ढंग से हो, जिससे सामाजिक माहौल पर नकारात्मक असर न पड़े।
नई नीति के अनुसार, शराब की बिक्री केवल सरकारी निगमों के माध्यम से की जाएगी।
अब कोई निजी कंपनी रिटेल बिक्री नहीं कर सकेगी।
दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन,
दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन,
दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन,
दिल्ली कंज्यूमर्स कोऑपरेटिव होलसेल सेल इन संस्थाओं को ही शराब की बिक्री का अधिकार मिलेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार शराब की कीमतों में भी कुछ संशोधन कर सकती है। नई नीति के तहत प्रति बोतल 50 रुपये (Indian Made Foreign Liquor) और 100 रुपये (Imported Brands) तक प्रॉफिट मार्जिन की नई व्यवस्था बनाई जा सकती है। अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव से दुकानदारों को अच्छी गुणवत्ता की शराब बेचने की प्रेरणा मिलेगी और कम गुणवत्ता वाले ब्रैंड्स पर निर्भरता घटेगी।
सूत्रों के अनुसार, हाई लेवल कमिटी ने नई शराब नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में बैठक होनी थी, लेकिन फिलहाल उसे स्थगित कर दिया गया है।
इससे पहले 2021-22 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने शराब नीति में निजी कंपनियों को रिटेल बिक्री की जिम्मेदारी दी थी। उस नीति पर बाद में घोटाले के आरोप लगे, जिसके चलते कई बड़े नेताओं, जिनमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के नाम भी आए, को कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उस समय से ही दिल्ली में शराब नीति को लेकर राजनीति गर्म रही है।