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दिल्ली में शुरू होगी ‘अटल कैंटीन योजना’: सिर्फ ₹5 में मिलेगा गरम और पौष्टिक भोजन

दिल्ली सरकार ने गरीबों और मजदूरों के लिए ‘अटल कैंटीन योजना’ की घोषणा की है, जिसके तहत सिर्फ ₹5 में गरम, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।

👤 Saurabh 08 Nov 2025 10:30 AM

Atal Canteen Yojana: दिल्ली सरकार ने आम जनता, मजदूरों और जरूरतमंद लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा की घोषणा की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि राजधानी में जल्द ही ‘अटल कैंटीन योजना’ शुरू की जाएगी। यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित होगी और उनके जन्मदिन के अवसर पर शुरू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य है कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए और सभी को सम्मानजनक तरीके से सस्ता और स्वस्थ खाना मिल सके।

सिर्फ ₹5 में मिलेगा पूरा खाना

इस योजना के तहत लोगों को ₹5 में गरम, साफ-सुथरा और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। एक थाली में क्या-क्या शामिल होगा? जिसमें- दाल, चावल, रोटी और सब्जी।

पहले चरण में 100 जगहों पर अटल कैंटीन खोली जाएंगी। हर कैंटीन में सुबह और शाम 500-500 लोगों को खाना परोसा जाएगा। यह योजना खासतौर पर रोज कमाने-खाने वालों, मजदूरों, रिक्शा चालकों, कामगारों और गरीब परिवारों के लिए काफी मददगार साबित होगी।

पारदर्शिता और सुरक्षा के खास इंतजाम

सरकार ने इस योजना की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया है। कैंटीनों में होंगी ये व्यवस्थाएँ:

डिजिटल टोकन सिस्टम ताकि लाइन में अव्यवस्था न हो

सीसीटीवी कैमरे और सीधा मॉनिटरिंग सिस्टम

आधुनिक रसोई (किचन) व्यवस्था

आरओ पानी

खाद्य सामग्री का ठंडा भंडारण

इसके साथ ही भोजन की गुणवत्ता नियमित रूप से जांची जाएगी। इसके लिए FSSAI और NABL प्रमाणित लैब्स हर महीने भोजन का परीक्षण करेंगी।

संचालन करने वाली एजेंसियों पर सख्त नियम

कैंटीन चलाने वाली एजेंसियों को हर महीने यह दस्तावेज जमा करने होंगे:

भोजन वितरण की रिपोर्ट

कर्मचारियों के स्वास्थ्य प्रमाणपत्र

फूड सेफ्टी लाइसेंस

फायर सेफ्टी (अग्नि सुरक्षा) प्रमाणपत्र

सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि गुणवत्ता से समझौता बिल्कुल नहीं होगा।

उद्देश्य: हर व्यक्ति को गरिमा और पोषण मिले

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह योजना दिल्ली की आत्मा बनेगी क्योंकि यहां कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा मानते थे कि गरीबी सिर्फ पैसे की कमी नहीं, बल्कि अवसरों की कमी है। यह कैंटीन योजना उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए शुरू की जा रही है।