दिल्ली सरकार ने राजधानी को प्रदूषण से बचाने और हरियाली बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि दक्षिणी रिज के करीब 41 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अब आरक्षित वन क्षेत्र (Reserved Forest) घोषित किया जाएगा। यह फैसला दिल्ली के पर्यावरण को मजबूत करने और भविष्य के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि पहले इस इलाके की देखभाल नहीं हुई, जिसके कारण यहां अतिक्रमण बढ़ गया और पेड़ों की कटाई से हरियाली घट गई। अब सरकार ने तय किया है कि इस क्षेत्र की खाली जमीन पर देसी और फलदार पेड़ लगाए जाएंगे जैसे नीम, पीपल, शीशम, आम, इमली और जामुन। इससे न सिर्फ मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि यहां की जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन भी मजबूत होगा।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह कदम राजधानी के वायु प्रदूषण को घटाने में बड़ा योगदान देगा। उनका कहना है कि सरकार वृक्षारोपण को वैज्ञानिक तरीके से कर रही है ताकि स्थानीय माहौल के अनुसार पौधे लगाए जाएं। इससे भूजल स्तर बढ़ेगा और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने रिज क्षेत्रों की अनदेखी की थी। करीब 20 सालों से यह क्षेत्र लावारिस हालत में पड़ा था, जिसके कारण न सिर्फ हरियाली घटी बल्कि कई जगह अवैध कब्जे भी हो गए। मौजूदा सरकार ने इन स्थितियों को सुधारने के लिए कई बैठकों और योजनाओं पर काम किया और आखिरकार यह बड़ा फैसला लिया गया।
रेखा गुप्ता ने बताया कि यह सिर्फ पहला चरण है। जल्द ही दिल्ली के बाकी रिज इलाकों को भी आरक्षित वन घोषित किया जाएगा। इससे दिल्ली को “ग्रीन कैपिटल” बनाने के लक्ष्य को और गति मिलेगी।