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बिहार में तेजस्वी की सरकार? ओपी राजभर का बड़ा दावा, जब ज्यादा वोटिंग होती है तब लालू यादव… पढ़ें!

Bihar Election 2025: यूपी के मंत्री ओपी राजभर ने दावा किया है कि इस बार बिहार में एनडीए सत्ता से बाहर हो जाएगा और तेजस्वी यादव की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा, जब भी ज्यादा वोटिंग होती है, राजद की जीत तय होती है.

👤 Samachaar Desk 10 Nov 2025 03:40 PM

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. यूपी की योगी सरकार में मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. राजभर का दावा है कि इस बार बिहार में एनडीए सत्ता से बाहर हो जाएगा और तेजस्वी यादव की सरकार बनने जा रही है.

राजभर बोले – ‘ज्यादा वोटिंग मतलब राजद की सरकार’

राजभर ने कहा कि उन्होंने गूगल पर देखा कि जब भी बिहार में 60% से ज्यादा मतदान हुआ है, तब राजद (RJD) की सरकार बनी है. उनके मुताबिक, इस बार भी पहले चरण में करीब 65% वोटिंग हुई, जो बिहार चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा, “जब जनता ज्यादा वोट डालती है, तो इसका मतलब है कि लोग सत्ता से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं.”

‘बिहार की जनता चुप, नेता सिर्फ बोल रहे हैं’

राजभर ने बिहार की राजनीतिक स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि वहां जनता चुपचाप है, जबकि नेता सिर्फ बोलते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार ओवैसी और प्रशांत किशोर (पीके) जैसे नेता भी मैदान में हैं, जो हर पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं. राजभर का कहना है कि इस चुनाव में जनता का मूड कोई नहीं समझ पा रहा, लेकिन इतिहास यही बताता है कि ज्यादा वोटिंग का मतलब है – राजद की वापसी.

इतिहास भी देता है राजभर के दावे को मजबूती

अगर पुराने चुनावी आंकड़े देखें तो राजभर की बात में कुछ सच्चाई दिखती है —

  • 1990 में जब लालू प्रसाद यादव पहली बार सत्ता में आए, तब मतदान प्रतिशत 62.04% था.
  • 1995 में फिर से 61.79% वोटिंग के साथ उनकी सरकार बनी रही.
  • 2000 में भी 62.57% वोटिंग हुई और लालू यादव की पार्टी ने सत्ता कायम रखी.

राजभर का मानना है कि इतिहास दोहराएगा, और इस बार भी जब वोटिंग 60% से ऊपर है, तो तेजस्वी यादव की सरकार बनना तय है.

अब सबकी निगाहें 11 नवंबर पर

बिहार में दो चरणों में मतदान हो रहा है. पहला चरण पूरा हो चुका है और अब 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा. राजभर के बयान के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या वोटिंग प्रतिशत एक बार फिर से सत्ता बदलने का संकेत देगा, या इस बार एनडीए इतिहास को पलट देगा.