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पहले भारत मात.. मां ICU में, फिर भी टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड रवाना हुए गौतम गंभीर

टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर ने एक बार फिर अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी है। उनकी मां अस्पताल में ICU में भर्ती हैं, फिर भी उन्होंने इंग्लैंड में होने वाली भारत की टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए टीम से जुड़ने का फैसला लिया है।

👤 Saurabh 16 Jun 2025 05:02 PM

जब जिदगी कठिन होती है, तब असली नायक सामने आते हैं और गौतम गंभीर इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकते। हमेशा से देश को अपनी प्राथमिकता रखने वाले गंभीर एक बार फिर उस मूल्यों पर खरे उतरे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच बने गंभीर को अपनी मां के अचानक दिल का दौरा पड़ने की खबर के बाद भारत लौटना पड़ा था, लेकिन अब वे एक बार फिर टीम से जुड़ने इंग्लैंड लौट रहे हैं।

गंभीर की माँ ICU में, फिर भी लौटे टीम के पास

गंभीर की मां सीमा गंभीर को 11 जून को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। गंभीर तुरंत घर लौट आए और परिवार के साथ रहे। हालांकि अब डॉक्टरों के मुताबिक उनकी मां की हालत स्थिर है और सुधार हो रहा है, इसलिए गंभीर ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड को सूचित किया कि वे फिर से इंग्लैंड लौटना चाहते हैं।

सूत्रों की मानें तो गंभीर सोमवार, 16 जून को यूके के लिए रवाना होंगे और अगले दिन हेडिंग्ले में भारतीय टीम से जुड़ेंगे।

टीम के लिए गंभीर की मौजूदगी क्यों जरूरी है?

20 जून से इंग्लैंड में भारत और इंग्लैंड ए के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत होनी है। इस बार यह सीरीज खास है क्योंकि यह एक नए युग की शुरुआत भी मानी जा रही है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज अब टेस्ट टीम में नहीं हैं। ऐसे में कप्तानी का भार पहली बार शुभमन गिल के कंधों पर होगा। टीम में जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल और रवींद्र जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ी तो हैं, लेकिन कोहली-रोहित-अश्विन की गैरहाजिरी में गंभीर की रणनीति और नेतृत्व बहुत अहम साबित हो सकती है।

इंट्रास्क्वाड मैच में मिला अभ्यास

गंभीर की अनुपस्थिति में भारत ए और भारत के बीच इंट्रास्क्वाड मुकाबला खेला गया, जो तीन दिन में ही खत्म हो गया। इसमें शुभमन गिल, केएल राहुल और शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ियों ने अच्छी बल्लेबाजी की। हालांकि मैच को प्रथम श्रेणी का दर्जा नहीं मिला, फिर भी खिलाड़ियों ने इसे पूरी गंभीरता से खेला, क्योंकि यह टेस्ट सीरीज से पहले तैयारी का आखिरी मौका था।

गौतम गंभीर ने फिर दिखा दिया कि जब बात देश की हो, तो वह निजी कठिनाइयों को भी पीछे छोड़ सकते हैं। उनकी इंग्लैंड वापसी न केवल टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है, बल्कि यह उनके उस समर्पण का प्रतीक भी है, जिसने उन्हें एक खिलाड़ी से एक आदर्श कोच बना दिया है।