भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। 35 साल के भुवनेश्वर ने कहा कि वह मैदान पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन टीम में चयन होना सिर्फ़ उनके हाथ में नहीं है। यह सीधा इशारा उन्होंने अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति की ओर किया।
भुवनेश्वर ने यूपी टी-20 लीग के दौरान दैनिक जागरण से बातचीत की, जहाँ वह लखनऊ फाल्कन्स की कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2022 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली है। यह उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच था।
जब उनसे पूछा गया कि क्या फैंस उन्हें फिर से नीली जर्सी में देख पाएंगे, तो उन्होंने कहा – "इसका जवाब सिर्फ़ चयनकर्ता ही दे सकते हैं। मेरा काम मैदान पर शत-प्रतिशत देना है, और मैं वही कर रहा हूँ। अगर मुझे यूपी लीग के बाद मुश्ताक अली, रणजी या वन-डे टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा, तो मैं वहाँ भी अपना सर्वश्रेष्ठ दूँगा।"
भुवनेश्वर अब तक 121 वनडे, 21 टेस्ट और 87 टी-20 इंटरनेशनल खेल चुके हैं और कुल 294 विकेट झटक चुके हैं। इसके बावजूद वह लगभग तीन साल से टीम से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी फिटनेस और गेंदबाजी की लाइन-लेंथ पर लगातार काम कर रहे हैं। "कभी-कभी आप अच्छा खेलते हैं, लेकिन किस्मत आपका साथ नहीं देती। चयन सिर्फ़ प्रदर्शन पर नहीं, कई और चीजों पर भी निर्भर करता है।"
जब उनसे पूछा गया कि राजीव शुक्ला को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने से यूपी खिलाड़ियों को फायदा होगा या नहीं, तो उन्होंने कहा – "अच्छा प्रदर्शन सबसे अहम है। कोई खिलाड़ी लगातार अच्छा खेलेगा तो उसे लंबे समय तक नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।"
भुवनेश्वर का मानना है कि वह अपनी मेहनत जारी रखेंगे और बाकी फैसला चयनकर्ताओं पर छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि शुक्ला के अध्यक्ष बनने से यूपी की प्रतिभाओं को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा।
आज भले ही वह टीम इंडिया से बाहर हों, लेकिन घरेलू क्रिकेट और लीग में उनका प्रदर्शन और फिटनेस उन्हें भविष्य में वापसी का मौका दे सकता है।