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पंजाब में सहकारी समितियों के गठन पर लगी रोक हटी

पंजाब सरकार ने पैक्स, दुग्ध और श्रमिक समितियों सहित नई सहकारी समितियों के गठन पर लगी रोक हटा दी है। अब सहकारी क्षेत्र को मज़बूत बनाने के लिए नई समितियों का पंजीकरण नियमों के अनुसार होगा ताकि किसानों, मजदूरों और ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल सके।

👤 Saurabh 26 Sep 2025 11:35 AM

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को घोषणा की कि अब राज्य में नई सहकारी समितियों के गठन पर लगी रोक हटा दी गई है। इसमें पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी), दुग्ध समितियां और श्रमिक समितियां शामिल हैं। यानी अब किसान, मजदूर और ग्रामीण समुदाय नई सहकारी समितियां बना सकेंगे।

किसानों और ग्रामीणों को मिलेगा सीधा फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को और मजबूत तथा व्यापक बनाना जरूरी है ताकि इसका सीधा लाभ किसानों और मजदूरों को मिल सके। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियां गांवों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन का अहम हिस्सा होती हैं। इनके जरिए किसानों को आसानी से कर्ज, बीज और खाद मिलती है, वहीं दुग्ध समितियों से ग्रामीणों की आय बढ़ती है और श्रमिक समितियों से रोजगार के अवसर बनते हैं।

नई सहकारी नीति की तैयारी

मान ने कहा कि पंजाब सरकार अपनी नई राज्य सहकारी नीति बनाने की प्रक्रिया में है। इस नीति का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को सहकारी समितियों से जोड़ना और सबको भागीदारी का अवसर देना होगा। इसके साथ ही यह नीति सहकारी क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।

प्रतिबंध हटने से बढ़ेगा विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस फैसले के तहत अब सभी पुराने प्रतिबंध तुरंत हटा दिए गए हैं। नई समितियों का पंजीकरण अब सहकारी अधिनियम के नियमों के अनुसार होगा और इसमें कोई कृत्रिम अड़चन नहीं डाली जाएगी।

ग्रामीण विकास का नया स्तंभ

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां पंजाब के ग्रामीण और आर्थिक विकास का मुख्य स्तंभ बन सकती हैं। इस कदम से गांवों में न सिर्फ लोगों की आय बढ़ेगी बल्कि रोजगार और सामाजिक सहयोग की भावना भी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार सहकारी क्षेत्र को इतना मजबूत बनाएगी कि यह आने वाले समय में ग्रामीण विकास की रीढ़ साबित होगा।