पेट में कीड़े (Intestinal Worms) होना एक आम समस्या है, खासकर बच्चों में. गंदे हाथों से खाना, दूषित पानी या मिट्टी में खेलने जैसी आदतें इसका कारण बन सकती हैं. हालांकि यह परेशानी मामूली लगती है, लेकिन इसका असर बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास दोनों पर पड़ता है.
डॉक्टर्स के अनुसार पेट में कीड़े यानी पैरासाइट्स दूषित खाना या पानी से शरीर में पहुंचते हैं. छोटे बच्चे अकसर हाथ धोए बिना खाना खाते हैं या खेलते समय मिट्टी मुंह में डाल लेते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ जाता है. WHO के मुताबिक, ये कीड़े शरीर के ऊतकों और पोषक तत्वों को खाने लगते हैं, जिससे प्रोटीन और आयरन की कमी, एनीमिया और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.
TV9 के नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता बताते हैं कि बच्चों में ये लक्षण दिख सकते हैं -
बार-बार पेट दर्द या मरोड़ कब्ज या दस्त भूख बहुत ज़्यादा लगना या बिल्कुल न लगना रात में अचानक पेट दर्द से उठ जाना वजन कम होना और पेट का फूला दिखना कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन
इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
सुबह खाली पेट एक चम्मच अजवाइन के साथ थोड़ा गुड़ खिलाएं. यह पाचन को सुधारता है और पेट के कीड़ों को धीरे-धीरे खत्म करने में मदद करता है.
लहसुन एक नेचुरल एंटीबायोटिक है. रोज सुबह खाली पेट 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां खाने से शरीर से कीड़े निकलने में मदद मिलती है और इम्यूनिटी भी बढ़ती है.
नीम में एंटीहेल्मिंथिक गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को मारने में मदद करते हैं. सुबह खाली पेट 5-6 नीम की कोमल पत्तियां चबाएं या उनका रस पिएं. लेकिन शुगर लो वालों को सावधानी रखनी चाहिए.
डॉ. गुप्ता सलाह देते हैं कि कुछ आसान आदतें अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है -
खाने से पहले और बाद में हाथ ज़रूर धोएं नाखून हमेशा छोटे और साफ रखें बाहर का खाना कम खाएं मिट्टी या गंदगी में खेलने के बाद बच्चों के हाथ तुरंत धोएं साफ और फिल्टर किया हुआ पानी पिएं
अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें या बच्चा कमजोर दिखे, तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है. समय पर सावधानी और कुछ घरेलू उपाय अपनाकर पेट के कीड़ों से बचाव पूरी तरह संभव है.