हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चौथी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. महाराष्ट्र और गुजरात में इसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, पिछले कुछ सालों से पूरे भारत में भी यह पर्व अपने रंग में नजर आने लगा है. लोग घरों और पंडालों को सजाकर भगवान गणेश का स्वागत करते हैं. इस पावन अवसर पर लोग अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजकर खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं.
आज कई लोगों के घरों में बप्पा का आगमन हुआ या हो रहा है. कुछ परिवारों ने तो बप्पा का स्वागत एक दिन पहले ही कर लिया. घर-घर में लाल पीले फूल, ढोलक की थाप और मिठाइयों के साथ इस अवसर की रौनक बढ़ाई जा रही है. शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ गणेश पूजा होगी, जिसमें विघ्नहर्ता भगवान से सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाती है.
लोग इस दिन अपने परिवार, मित्र और सहकर्मियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं भेजते हैं. कुछ लोकप्रिय संदेश इस प्रकार हैं:
1. गणपति बप्पा मोरया! आपके जीवन में हमेशा सुख, समृद्धि और खुशियां बनी रहें.
2. विघ्नहर्ता गणेश जी के आगमन से हर बाधा दूर हो और हर काम में सफलता मिले.
3. गणपति जी का आशीर्वाद आपके घर-परिवार और अपनों पर हमेशा बना रहे.
4. बप्पा की कृपा से आपके सभी कार्य सफल हों और जिंदगी में खुशियों की बहार आए.
5. गणेश जी का नाम लेकर शुरू करें हर काम, सफलता और सौभाग्य हमेशा आपके कदम चूमेंगी.
6. विघ्नहर्ता गणेश जी आपके जीवन से सारे कष्ट हर लें और आपको हर खुशी दें.
7. इस पावन पर्व पर गणपति से आपको नई और सकारात्मक ऊर्जा मिले.
8. गणेश जी के आशीर्वाद से आपकी जिंदगी की हर राह आसान और मंगलमय हो.
9. आपके सिर पर सदा हो बप्पा का हाथ, हमेशा रहे सुख-समृद्धि और खुशियों का वास.
गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी है. बप्पा के आगमन से घर में सुख-शांति आती है और परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं. इस दिन निर्जला व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने का विशेष महत्व है.
इस तरह, गणेश चतुर्थी 2025 खुशियों, आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा से भरा पर्व है, जो हर साल लाखों लोगों के जीवन में उल्लास और मंगल लेकर आता है.