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भारत पर अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल विवाद: ट्रंप का बड़ा बयान

राष्ट्रपति ने यह बात तब कही, जब भारत ने अभी तक रूस से तेल खरीदना बंद करने की पुष्टि नहीं की है। इसी बीच, अमेरिका ने पिछले महीने भारतीय सामान पर कुल 25% के साथ 25% और टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।

👤 Saurabh 16 Aug 2025 03:04 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि रूस ने अपने तेल का एक बड़ा ग्राहक भारत खो दिया है। हालांकि उन्होंने यह भी इशारा किया कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका "दूसरे स्तर के टैरिफ" या जुर्माना लगाने की जरूरत महसूस नहीं कर सकता।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने अभी तक रूस से तेल खरीद बंद करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। दरअसल, अमेरिका ने पिछले महीने भारत से आने वाले सामान पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू होना है। बाद में इस शुल्क को बढ़ाकर 50% कर दिया गया।

अमेरिका का कहना है कि जब तक रूस यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं करता, तब तक मास्को पर कड़े प्रतिबंध जारी रहेंगे। साथ ही, रूस से तेल खरीदने वाले देशों को भी चेतावनी दी गई है। चीन और भारत, दोनों रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदते हैं।

ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा, "पुतिन ने भारत जैसा ग्राहक खो दिया है। भारत लगभग 40% रूसी तेल ले रहा था। चीन भी काफी खरीद रहा है। अगर मैंने सेकेंडरी टैरिफ लगाया, तो इसका असर बहुत बुरा होगा। अगर करना पड़ा तो करूंगा, लेकिन शायद इसकी जरूरत न पड़े।"

भारत ने अमेरिकी कदम को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताते हुए आलोचना की है। भारत के मुताबिक, इस टैरिफ से कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा उद्योग पर बड़ा असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत आर्थिक दबाव में पीछे नहीं हटेगा।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सरकारी रिफाइनरियों ने अमेरिकी दबाव के बाद रूस से तेल खरीदना कम कर दिया है। हालांकि, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने कहा कि भारत ने रूसी तेल खरीद बंद नहीं किया है और यह सिर्फ आर्थिक लाभ को देखकर खरीद जारी रखेगा।

भारत 2022 से रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार बन गया था, क्योंकि पश्चिमी देशों ने युद्ध के बाद रूसी तेल से दूरी बना ली थी। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो उसका आयात बिल इस साल 9 अरब डॉलर और अगले साल 12 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।

ऐसी स्थिति में भारत को इराक, सऊदी अरब और यूएई से अधिक तेल खरीदना पड़ सकता है। वहीं, रूसी तेल कंपनियां भारत को अब भी कम दाम पर कच्चा तेल दे रही हैं, क्योंकि यूरोप और अमेरिका की पाबंदियों से उनकी मांग घट गई है।

अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने की वजह से भारी टैरिफ लगा दिया है।

भारत कह रहा है कि वह सिर्फ आर्थिक फायदे को देखते हुए तेल खरीदेगा।

अगर भारत ने रूसी तेल बंद किया, तो उसका तेल बिल अरबों डॉलर बढ़ सकता है।

रूस दबाव में भारत को सस्ता तेल दे रहा है, जबकि अमेरिका भारत पर पाबंदी का दबाव बना रहा है।