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90वें जन्मदिन पर अमेरिका का तोहफा! दलाई लामा को शुभकामना और चीन को दो टूक

दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर अमेरिका ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए न सिर्फ उनकी करुणा, शांति और एकता की भावना को सलाम किया, बल्कि तिब्बतियों के धार्मिक अधिकारों की खुलकर हिमायत की.

👤 Golu Dwivedi 06 Jul 2025 12:48 PM

दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर अमेरिका ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए न सिर्फ उनकी करुणा, शांति और एकता की भावना को सलाम किया, बल्कि तिब्बतियों के धार्मिक अधिकारों की खुलकर हिमायत की. अमेरिका ने स्पष्ट किया कि तिब्बती समुदाय को अपने धार्मिक नेताओं के चयन का अधिकार बिना किसी बाहरी दखल के मिलना चाहिए. एक बयान जो सीधे तौर पर चीन की नीतियों पर कटाक्ष माना जा रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यह संदेश देते हुए कहा कि तिब्बतियों की भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की रक्षा अमेरिका की प्राथमिकताओं में शामिल है. जबकि चीन वर्षों से दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति को लेकर अपने "इतिहास और परंपराओं" का हवाला देता आया है, अमेरिका का यह रुख बीजिंग के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर अमेरिका ने दी शुभकामनाएं

"संयुक्त राज्य अमेरिका, उनके 90वें जन्मदिन पर परम पावन दलाई लामा को शुभकामनाएं देता है,' विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा। उन्होंने आगे जोड़ा, दलाई लामा एकता, शांति और करुणा का प्रतीक हैं, जो आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं.

तिब्बतियों की स्वतंत्रता पर अमेरिका का दो टूक संदेश

रूबियो ने बिना चीन का नाम लिए साफ कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बतियों के मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रताओं के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम उनके अद्वितीय भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा के प्रयासों का समर्थन करते हैं. जिसमें उनके धार्मिक नेताओं को स्वतंत्र रूप से चुनने और पूजने की क्षमता भी शामिल है, किसी भी हस्तक्षेप के बिना.

‘भारत को तिब्बत पर सावधान रहना चाहिए’

चीन ने इस मुद्दे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत को आगाह करते हुए कहा कि भारत को 14वें दलाई लामा की अलगाववादी प्रवृत्तियों के प्रति सजग रहना चाहिए और तिब्बत (शिजांग) से जुड़ी अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए.

दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धर्मशाला पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने का अधिकार सिर्फ उन्हीं या उनके संगठन के पास है। इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो सकता। उनके अनुयायी इस पर गहरा विश्वास रखते हैं. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी इस समारोह में मौजूद थे।

भारत का रुख: धार्मिक विश्वासों पर सरकार नहीं लेती पक्ष, हालांकि, भारत सरकार ने इस विवाद से खुद को अलग रखा. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार किसी भी धार्मिक विश्वास या आस्था से जुड़ी बातों पर कोई स्थिति नहीं लेती और न ही उस पर टिप्पणी करती है.