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भारत पर ट्रंप का बड़ा वार! 50% टैरिफ से मचेगी आर्थिक हलचल, बढ़ेगा रूस-यूक्रेन विवाद का तनाव?

अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप प्रशासन का यह कदम रूस से तेल आयात को लेकर लिया गया है. जानें कैसे बढ़ा भारत-अमेरिका के बीच तनाव और क्या होगा FTA व Indo-Pacific पर असर.

👤 Samachaar Desk 28 Aug 2025 09:44 AM

अमेरिका ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है. यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त 2025 को कार्यकारी आदेश 14329 के तहत लिया. आदेश के अनुसार, पहले से मौजूद टैरिफ में 25% की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर दी गई, जिससे कुल शुल्क अब 50% हो गया है. अमेरिकी प्रशासन ने यह कदम भारत के रूस से तेल खरीदने को वजह बताते हुए उठाया.

अमेरिका की नाराज़गी और बयान

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक केविन हैसेट ने कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार खोलने में अड़ियल रवैया अपना रहा है. उन्होंने कहा, “भारत के साथ ट्रेड टॉक एक मैराथन की तरह है, इसमें उतार-चढ़ाव आते रहेंगे.” हैसेट ने यह भी संकेत दिए कि यदि भारत ने अपना रुख नहीं बदला तो राष्ट्रपति ट्रंप और भी कड़े कदम उठा सकते हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा पहलू

अमेरिका ने अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने के फैसले को सीधे तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़ा है. वॉशिंगटन का दबाव है कि भारत रूस से तेल आयात कम करे और वैश्विक स्तर पर रूस को कमजोर करने में सहयोग दे. लेकिन भारत का तर्क है कि ऊर्जा सुरक्षा और किफायती आपूर्ति उसकी प्राथमिकता है, इसलिए वह रूस से तेल आयात जारी रखेगा.

भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ता तनाव

हालांकि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) बनी हुई है, लेकिन व्यापार और ऊर्जा नीति पर मतभेद गहराते जा रहे हैं. अमेरिका चाहता है कि भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए अधिक बाजार खोले, जबकि भारत साफ कर चुका है कि घरेलू उद्योग और ऊर्जा सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है.

पीएम मोदी का रुख

इस विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सबसे पहले अपने किसानों और घरेलू उद्योग को प्राथमिकता देगा. उनका बयान साफ इशारा करता है कि भारत किसी भी विदेशी दबाव के आगे झुकने के मूड में नहीं है.

FTA और इंडो-पैसिफिक पर असर की आशंका

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आने वाले समय में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और इंडो-पैसिफिक सहयोग पर असर डाल सकता है. अमेरिका के बढ़ते टैरिफ और भारत के कड़े रुख के चलते आने वाले महीनों में दोनों देशों के रिश्तों में और खटास देखी जा सकती है.