तकनीक जहां दुनिया को बेहतर बनाने का वादा करती है, वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब भविष्य की कुछ डरावनी तस्वीरें भी दिखा रहा है. हाल ही में AI द्वारा पाकिस्तान को लेकर की गई एक भविष्यवाणी ने पड़ोसी देश में खलबली मचा दी है. रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को हर 15 साल में विनाशकारी बाढ़ और सूखे का सामना करना पड़ सकता है और अगर पिछले कुछ वर्षों के मौसम पर नजर डालें, तो यह चेतावनी हकीकत से बहुत दूर नहीं लगती.
दक्षिण कोरिया की पोहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (POSTECH) के प्रोफेसर जोंगहुन काम और उनकी टीम ने इस विश्लेषण को अंजाम दिया है. उन्होंने AI मॉडल की मदद से पाकिस्तान के जलवायु भविष्य की सटीक भविष्यवाणी करने का प्रयास किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में स्थित ऊपरी सिंधु नदी क्षेत्र में मौसम संबंधी आपदाएं चक्रवाती रूप से लौटेंगी.
AI मॉडल के मुताबिक, इस विनाश का मुख्य कारण है तेजी से बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिं. ग्लेशियरों का पिघलना, बारिश का अनियमित पैटर्न और तापमान में लगातार बदलाव पाकिस्तान के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं. सिंधु जैसी नदियां, जिन पर पाकिस्तान की खेती, जल आपूर्ति और ऊर्जा निर्भर करती है, अब खतरे में हैं. ऊंचाई वाले इलाकों में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जिससे नदियों का बहाव अनियंत्रित हो रहा है.
पारंपरिक जलवायु मॉडल अक्सर पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में सटीक अनुमान नहीं दे पाते. वहां या तो बारिश कम आंकते हैं या फिर अत्यधिक. यही वजह थी कि प्रोफेसर काम की टीम ने AI मॉडल को ट्रेंड किया, जिसमें पिछले दशकों का रियल-टाइम क्लाइमेट डेटा फीड किया गया. इसका नतीजा था एक हाई-प्रिसिशन मॉडल जिसने बताया कि:
ऊपरी सिंधु नदी क्षेत्र में हर 15 साल में बड़ी बाढ़ और सूखे की संभावना है. अन्य नदियों के किनारे बसे इलाकों में ये घटनाएं हर 11 साल में हो सकती हैं.
AI की यह रिपोर्ट अब पाकिस्तान में बहस और डर दोनों को जन्म दे रही है. सोशल मीडिया पर लोग इस भविष्यवाणी को लेकर चिंता जता रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान इस आपदा से निपटने के लिए तैयार है? क्या समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दशक में पाकिस्तान बार-बार प्रकृति की मार नहीं झेलेगा?