इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट आज यानी गुरुवार को गाज़ा पट्टी में सैन्य अभियान के विस्तार पर बड़ा फैसला लेने वाली है. यह फैसला ऐसे समय में हो रहा है जब देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने इस योजना को लेकर गंभीर आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं.
इजरायली मीडिया टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू की अगुवाई में एक फेज़ वाइज़ योजना तैयार की गई है, जिसके तहत पांच महीनों में गाज़ा पट्टी के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा किया जाएगा। इस दौरान एक बार फिर लगभग 10 लाख फिलीस्तीनियों को बेघर होना पड़ सकता है. इसका उद्देश्य हमास का पूरी तरह सफाया और शेष बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना बताया जा रहा है.
इस योजना के पहले चरण में इजरायली सेना गाज़ा सिटी और मध्य गाज़ा के कैंपों पर नियंत्रण स्थापित करेगी। चैनल 12 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 लाख लोगों को गाज़ा सिटी से निकालने का नोटिस जारी किया जाएगा, ताकि वहां नागरिक बुनियादी ढांचे जैसे अस्पताल और राहत कैंप तैयार किए जा सकें.
इसके बाद इन क्षेत्रों में ज़मीन से हमला शुरू किया जाएगा, जिससे हमास को दबाव में लाकर बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके. इजरायल को विश्वास है कि लगभग 50 बंधकों में से इतने ही अभी ज़िंदा हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस अभियान के दौरान मानवीय सहायता बढ़ाने की घोषणा करने वाले हैं. ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के इजरायल राजदूत माइक हकाबी ने बताया कि अमेरिका और इजरायल के समर्थन वाले गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन द्वारा संचालित चार सहायता केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 16 की जाएगी. उन्होंने कहा, 'यह फंडिंग पर निर्भर है… अभी उत्तर गाज़ा के कुछ हिस्सों की सुरक्षा की स्थिति स्पष्ट नहीं है, इसलिए IDF (इजरायली डिफेंस फोर्स) के वहां नियंत्रण के बाद ही आगे बढ़ा जा सकेगा.'
इस सैन्य विस्तार की योजना लगभग 4 से 5 महीनों तक चलेगी और इसे अमेरिका सहित कई अन्य देशों द्वारा दिए गए लगभग 1 अरब डॉलर की सहायता से वित्तपोषित किया जाएगा. कान की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र और कतर दोनों ही इस योजना को रोकने के लिए अमेरिका के ज़रिए इजरायल पर दबाव बना रहे हैं। साथ ही वे हमास पर भी वार्ता बहाल करने का दबाव डाल रहे हैं. हालांकि नेतन्याहू की मंशा स्पष्ट है. गुरुवार शाम 6 बजे होने वाली सुरक्षा कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू कथित रूप से यह अधिकार मांगेंगे कि वे और रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज़, इस अभियान से संबंधित जरूरी निर्णय अपने स्तर पर ले सकें.
चैनल 12 के मुताबिक़, एक वैकल्पिक योजना के तहत अमेरिका की मध्यस्थता में प्रस्तावित एक व्यापक समझौते के तहत अभियान को रोका जा सकता है। हालांकि यह संभावना बहुत कम मानी जा रही है. एक अन्य विकल्प में गाज़ा सिटी और मध्य कैंपों को चारों ओर से घेरकर सहायता को रोकना और लक्ष्यित हमले करना शामिल था, लेकिन यह दीर्घकालिक और समय लेने वाली रणनीति है. नेतन्याहू ने इस योजना को भी खारिज कर दिया है.
जैसे-जैसे यह युद्ध अपने 23वें महीने में पहुंचा है, इजरायली सेना और नेतन्याहू सरकार के बीच रणनीति को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं. इजरायली आर्मी रेडियो ने सोमवार को रिपोर्ट किया कि सैन्य प्रमुख एयाल जामिर राजनीतिक नेतृत्व की रणनीतिक अस्पष्टता से परेशान हैं और वे इसे 'हमास के साथ एक थकाऊ युद्ध में फंसने' जैसा मानते हैं.
मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, नेतन्याहू ने तीन घंटे की बैठक में सुरक्षा प्रमुखों के साथ चर्चा की. कान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में जनरल जामिर ने साफ शब्दों में कहा कि “पूर्ण कब्ज़ा आत्मघाती होगा. यह एक जाल में फंसने जैसा है.” उन्होंने हमास के ठिकानों को चारों ओर से घेरने और लक्षित कार्रवाई की सलाह दी.