सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को विपक्षी दलों ने मिलकर उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
खड़गे ने कहा कि यह फैसला सभी विपक्षी दलों की एकजुटता को दिखाता है। उन्होंने बताया कि “बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने हमेशा गरीबों और संविधान की सुरक्षा के लिए खड़े होकर काम किया है। यह चुनाव सिर्फ एक पद पाने का नहीं बल्कि लोकतंत्र और विचारधारा की लड़ाई है।”
इससे पहले भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।
मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई और अब 9 सितंबर 2025 को चुनाव होना तय है। इस चुनाव के लिए नामांकन दाख़िल करने की आख़िरी तारीख 21 अगस्त है।
खड़गे ने बताया कि बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। इससे एक दिन पहले यानी 20 अगस्त को संसद के सेंट्रल हॉल में विपक्षी सांसदों की बैठक होगी। इस बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल इस बार पूरी तरह एकजुट हैं।” वहीं, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि “सभी राजनीतिक दलों ने गंभीर विचार-विमर्श और सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति बनाई है।”
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सवाल उठाया कि “देश को अब तक यह भी नहीं बताया गया कि आखिर जगदीप धनखड़ ने इस्तीफ़ा क्यों दिया। यह चुनाव हमारे लिए वैचारिक लड़ाई है।”
इस तरह विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर साफ संकेत दे दिया है कि वह इस चुनाव को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई के रूप में देख रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 9 सितंबर को होने वाले इस मुकाबले में जनता और सांसद किस उम्मीदवार को चुनते हैं।