भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम इन दिनों जबरदस्त संकट और सवालों के दौर से गुजर रही है. गुवाहाटी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली 408 रनों की रिकॉर्ड शर्मनाक हार ने पूरे क्रिकेट जगत को हिला दिया. यह भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी रन से हार है और इसके साथ ही पिछले 7 घरेलू मुकाबलों में पांचवीं हार भी. यही नहीं, भारत को अपने घर में लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज हार का सामना करना पड़ा है.
इन नतीजों के बीच भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली के बड़े भाई विकास कोहली ने सोशल मीडिया पर कुछ बेहद कड़े सवाल उठाए हैं. उनका पोस्ट भले ही अब डिलीट हो चुका हो, लेकिन उसके शब्द भारतीय क्रिकेट में हो रहे बदलावों और गहराती समस्याओं को उजागर कर चुके हैं.
विकास कोहली ने अपनी पोस्ट में भारत की रणनीति और टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर खुलकर नाराजगी जताई. उन्होंने लिखा, “एक समय था जब हम विदेश में जीतने के लिए खेलते थे… अब घर में ही मैच बचाने के लिए खेलते हैं." उनका कहना है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसे बदलाव किए हैं, जिनसे टीम की नींव हिलने लगी है. उन्होंने आरोप लगाया कि:
सीनियर और अनुभवी खिलाड़ियों को लगातार बाहर किया गया. स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की जगह ऑलराउंडरों पर जरूरत से ज्यादा जोर दिया गया. टेस्ट टीम की रीढ़ नंबर 3, 4 और 5 के बल्लेबाजों को सही मौके नहीं मिले.
उनके अनुसार, जब टीम 'साहबगीरी' यानी अनावश्यक दखल और प्रयोग की ओर जाती है, तब अच्छे-भले सिस्टम भी बिगड़ जाते हैं.
विकास कोहली ने अपनी दूसरी पोस्ट में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीम चयन रणनीतियों की तुलना की. उन्होंने लिखा कि भारत जहां बार-बार संयोजन बदल रहा है, वहीं दक्षिण अफ्रीका अपनी स्पेशलिस्ट-आधारित टेस्ट टीम पर टिका हुआ है.
यही कारण है कि दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम भारत को उसके घर में क्लीन स्वीप कर पा रही है.
विकास कोहली ने अपनी पोस्ट के अंत में वही सवाल पूछा जो आज आम फैन भी पूछ रहा है, “जिम्मेदार कौन?"
या फिर घरेलू पिचों की ऐसी तैयारी जिसमें भारत खुद ही फंस जा रहा है?
इन लगातार हारों ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय टेस्ट टीम अपने सबसे मुश्किल दौर में है. अब जरूरत है:
विकास कोहली के सवाल भले निजी राय हों, लेकिन उन्होंने पूरे क्रिकेट समुदाय में एक बड़ी बहस छेड़ दी है, क्या भारत की टेस्ट टीम अपनी ही रणनीतियों की वजह से पिछड़ रही है? अगर भारत को टेस्ट क्रिकेट में फिर से अपनी खोई बादशाहत पाना है, तो यह सवाल टालने का नहीं, जवाब देने का समय है.