रिटायरमेंट की उम्र हर कर्मचारी के लिए सबसे अहम मोड़ होती है. लंबे समय तक नौकरी करने के बाद सबसे बड़ी चिंता रहती है कि भविष्य में पेंशन और सुरक्षा कैसे मिलेगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलने वाली है.
कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने UPS में बड़ा बदलाव करते हुए पेंशन की न्यूनतम लिमिट को घटा दिया है. अब अगर कोई कर्मचारी 20 साल की नियमित नौकरी पूरी करता है तो उसे पूरी पेंशन का अधिकार मिल जाएगा. पहले यह सीमा 25 साल थी, जिसके कारण कई कर्मचारी पूर्ण पेंशन से वंचित रह जाते थे.
जब UPS लागू हुई थी, तब पेंशन पाने के लिए शर्त रखी गई थी कि कर्मचारी को कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी. यानी अगर किसी ने 24 साल 11 महीने भी काम किया तो भी उसे पूरी पेंशन का लाभ नहीं मिलता था. इस कठोर नियम को लेकर कर्मचारी संगठनों ने लंबे समय से आवाज उठाई थी. उनका कहना था कि हर किसी के लिए 25 साल तक लगातार नौकरी करना आसान नहीं होता.
सरकार के इस नए फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उन केंद्रीय कर्मचारियों को होगा जो 25 साल की सेवा पूरी करने से पहले रिटायर हो जाते हैं. स्वास्थ्य समस्या, पारिवारिक जिम्मेदारी या अन्य कारणों से कई लोग समय से पहले नौकरी छोड़ देते हैं. अब उन्हें भी 20 साल काम करने के बाद पूरी पेंशन की गारंटी मिलेगी. यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए दिवाली से पहले किसी तोहफे से कम नहीं है.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम सिर्फ रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा नहीं देती, बल्कि नौकरी के दौरान भी कर्मचारी और उसके परिवार का सहारा बनती है.
यदि नौकरी के दौरान कोई कर्मचारी दिव्यांग हो जाता है तो उसे पेंशन मिलेगी. अगर सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सुरक्षित पेंशन का लाभ मिलेगा. परिवार चाहे तो CCS Pension Rules या फिर UPS के तहत मिलने वाले नियमों में से किसी एक का चुनाव कर सकता है.
केंद्र सरकार के इस कदम ने करोड़ों कर्मचारियों की चिंता कम कर दी है. अब 20 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को भी पूरी पेंशन मिलेगी. साथ ही, दिव्यांगता और मृत्यु की स्थिति में मिलने वाले लाभ कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.