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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: एमके स्टालिन के नाम पर सरकारी योजना चलाने पर अब कोई रोक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का वह आदेश रद्द कर दिया है जिसमें तमिलनाडु सरकार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल से रोका गया था।

👤 Saurabh 06 Aug 2025 02:40 PM

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु की डीएमके सरकार को बड़ी राहत दी। अदालत ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार अपनी योजनाओं में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का नाम या तस्वीर इस्तेमाल नहीं कर सकती।

यह मामला एआईएडीएमके (AIADMK) के सांसद सी. वी. षणमुगम की याचिका पर शुरू हुआ था। उन्होंने अदालत में कहा था कि सरकारी योजनाओं में किसी भी राजनीतिक नेता, खासकर जीवित व्यक्ति के नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

मद्रास हाईकोर्ट ने उनकी बात मानते हुए 31 जुलाई को आदेश दिया था कि सरकारी योजनाओं में न तो किसी जीवित नेता का नाम और फोटो लगाया जाए, और न ही किसी राजनीतिक पार्टी के झंडे, प्रतीक या चिन्ह का उपयोग किया जाए।

लेकिन जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में भी योजनाएं नेताओं के नाम पर चल रही हैं, फिर सिर्फ तमिलनाडु सरकार और स्टालिन को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

अदालत ने याचिकाकर्ता सांसद को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि वे इस मामले को सिर्फ राजनीतिक रूप से सरकार को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना राज्य सरकार के पास जमा होगा और इसका इस्तेमाल गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए योजनाओं में किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अदालतों को राजनीतिक विवादों से दूर रहना चाहिए, और कानून का इस्तेमाल निजी या राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए।

यह भी सामने आया कि एआईएडीएमके सांसद ने पहले चुनाव आयोग में शिकायत की थी और फिर सिर्फ तीन दिन बाद ही हाईकोर्ट पहुंच गए, जिसे अदालत ने "कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग" माना।

इस फैसले के बाद अब तमिलनाडु सरकार अपनी योजनाओं में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का नाम और फोटो इस्तेमाल कर सकेगी, जैसे बाकी राज्यों में भी होता है।