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कुत्तों को पकड़ने से रोका तो होगी जेल, सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली-एनसीआर के लिए सख्त आदेश

Supreme Court Order On Stray Dogs : दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजने का आदेश दिया है- लेकिन अगर किसी ने इस प्रक्रिया में रुकावट डाली, तो जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं.

👤 Samachaar Desk 13 Aug 2025 10:53 AM

Supreme Court Order On Stray Dogs : दिल्ली-एनसीआर में सड़कों और कॉलोनियों में घूमते आवारा कुत्तों का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है. कई बार ये कुत्ते राहगीरों, बच्चों और यहां तक कि सोसाइटी के भीतर रहने वालों पर भी हमला कर चुके हैं. इन घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अब बड़ा कदम उठाया है और निर्देश दिया है कि सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में रखा जाए.

कुत्तों को सड़क से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजा जाएगा

अदालत ने आदेश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर के किसी भी इलाके में पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित शेल्टर होम्स में ले जाया जाए. यह कदम नागरिकों की सुरक्षा और कुत्तों की देखभाल दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है.

डॉग लवर्स के लिए चेतावनी

कई बार प्रशासन जब कुत्तों को पकड़ने पहुंचता है तो कुछ डॉग लवर्स इस प्रक्रिया को रोकने की कोशिश करते हैं. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में बाधा डालता है, तो उस पर कोर्ट की अवमानना का मामला चल सकता है. यह सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि कानूनी उल्लंघन भी माना जाएगा.

कोर्ट के सख्त निर्देश

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि यह कदम जनता की सुरक्षा के लिए है, न कि किसी के खिलाफ. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि कुत्तों के हमले या काटने की शिकायत दर्ज करने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए, ताकि लोग तुरंत रिपोर्ट कर सकें.

कोर्ट की अवमानना पर सजा

अगर कोई व्यक्ति या संगठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करता है और कुत्तों को पकड़ने में बाधा डालता है, तो उसे अवमानना का दोषी माना जाएगा. ऐसे मामलों में अधिकतम 6 महीने की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. कुछ मामलों में सिर्फ जेल या सिर्फ जुर्माना भी दिया जा सकता है. यह फैसला अदालत गंभीरता के आधार पर करेगी.

आदेश का महत्व

कोर्ट का कहना है कि यह फैसला न केवल आम जनता की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि इससे कुत्तों को भी सुरक्षित माहौल मिलेगा. शेल्टर होम्स में उन्हें भोजन, इलाज और देखभाल की बेहतर सुविधा दी जा सकेगी, जो सड़क पर संभव नहीं है.

इस प्रक्रिया में जनता का सहयोग बेहद जरूरी है. अगर लोग आदेश का पालन करेंगे, तो न केवल सड़क हादसों और हमलों में कमी आएगी, बल्कि आवारा कुत्तों का जीवन भी सुरक्षित होगा.

नतीजा

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एक संतुलित कदम है- जहां इंसानों की सुरक्षा के साथ-साथ जानवरों के अधिकारों का भी ध्यान रखा गया है. अब जिम्मेदारी प्रशासन और नागरिकों दोनों की है कि इसे सफल बनाया जाए.