प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित किसानों की राहत राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की मांग पर कार्रवाई का वादा किया है। किसानों ने उनसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के जरिए मुआवजा सीधे खातों में जमा करने की बात कही।
गुरदासपुर और पठानकोट जिलों के कुल 19 किसानों, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं, ने तिबरी छावनी में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताईं। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ, पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रदेश पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने प्रधानमंत्री को बताया कि किसानों की शिकायतें सही और जायज़ हैं। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि किसानों की यह मांग सैद्धांतिक, नैतिक और सही है। इस मुलाकात में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने किसानों की बात सुनी और डीबीटी योजना पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। हालांकि, सरकार के लिए सीधे बैंक खातों में राशि भेजना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कई किसानों के पास बैंक खाते नहीं हैं और वे डिजिटल रूप से सक्षम नहीं हैं। इसी वजह से सरकार इस योजना को लागू करने में सावधानी बरत रही है।
हल्ला छैया गाँव की मीनू बाला ने प्रधानमंत्री को बताया कि कई घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और उन्होंने तुरंत राहत राशि जारी करने की मांग की। बामियाल ब्लॉक के ढिंडा गाँव के सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा कि पहले भाग नाले का पानी पाकिस्तान चला जाता था, जिससे खेतों को नुकसान नहीं होता था। 2020 में सुरक्षा कारणों से बनाए गए बाँध के कारण अब पानी पाकिस्तान नहीं जा पाया, जिससे इस बार बाढ़ आई।
डेरा बाबा नानक ब्लॉक के थेटरके गाँव के बख्शीश सिंह ने कहा कि उनके खेतों में गाद जमा हो गई है और अगले दो-तीन साल तक गेहूँ और धान की फसल बोना मुश्किल हो जाएगा। उनके जैसे कई किसान पहले से ही कर्ज़ में हैं और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
खोखर राजपुताना गाँव के रछपाल सिंह ने बताया कि उनके इलाके के ज़्यादातर स्कूल और डिस्पेंसरी भी बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अधिकारियों को इन्हें जल्द से जल्द पुनर्निर्माण करने के निर्देश देंगे।
गुरदासपुर जिला भाजपा अध्यक्ष बघेल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा।