दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार लियोनल मेसी हाल ही में अपने GOAT टूर ऑफ इंडिया के तहत भारत आए. चार बड़े शहरों में कार्यक्रमों के बाद मेसी ने गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रकृति, वन्यजीवों और भारतीय संस्कृति को बेहद करीब से महसूस किया. यह दौरा उनके लिए केवल एक विजिट नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव बन गया.
भारत में मेसी की यात्रा की शुरुआत कोलकाता से हुई, जहां उन्हें देखने के लिए फैंस का जबरदस्त हुजूम उमड़ा. इसके बाद वह हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली पहुंचे. हर शहर में स्टेडियम से लेकर सड़कों तक मेसी के नाम की गूंज सुनाई दी. लेकिन इस ग्लैमर और शोर-शराबे से दूर, मेसी ने सुकून के कुछ पल बिताने के लिए वनतारा का रुख किया.
वनतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन की एक खास पहल है, जो वन्यजीवों के बचाव, पुनर्वास और आजीवन देखभाल पर केंद्रित है. यह केंद्र घायल, बीमार और संकट में फंसे जानवरों को नई ज़िंदगी देने का काम करता है. यहां का वातावरण इतना शांत और प्राकृतिक है कि मेसी खुद को पूरी तरह सहज महसूस करते नजर आए.
वनतारा में मेसी का सबसे खास पल तब आया, जब उन्होंने मानेकलाल नाम के हाथी के बच्चे के साथ फुटबॉल खेला. यह हाथी फुटबॉल के प्रति अपने लगाव के लिए जाना जाता है. मेसी ने जैसे ही गेंद उसकी ओर बढ़ाई, हाथी भी उत्साह से झूम उठा. इसके अलावा मेसी ने शेरों को नजदीक से देखा और उनके संरक्षण को लेकर चल रहे प्रयासों की सराहना की.
वनतारा में मेसी को भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं से भी परिचित कराया गया. उन्होंने मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाया और पारंपरिक पूजा-अर्चना की. साथ ही मेसी ने मेडिटेशन भी किया, जिसने उन पर गहरा असर छोड़ा. उन्होंने माना कि इस अनुभव ने उन्हें भीतर से शांत और संतुलित महसूस कराया.
मेसी ने वनतारा में पशु चिकित्सकों और देखभाल करने वाले कर्मचारियों से बातचीत की. उन्होंने जानवरों की रोज़मर्रा की देखभाल, इलाज और पुनर्वास की प्रक्रिया को करीब से देखा. यह देखकर वे बेहद प्रभावित हुए कि किस तरह हर जानवर को सम्मान और प्रेम के साथ जीवन दिया जा रहा है.
वनतारा से लौटते समय मेसी ने कहा, वनतारा जो काम कर रहा है, वह सच में बेहद खूबसूरत है. जानवरों को बचाना, उनकी देखभाल करना और उन्हें सुरक्षित जीवन देना प्रेरणादायक है. हमने यहां बहुत अच्छा समय बिताया और यह अनुभव हमेशा हमारे साथ रहेगा. हम जरूर दोबारा आएंगे और इस नेक काम का समर्थन करेंगे.