Jewar Airport Inauguration : नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है, अब शुरू होने के कगार पर है. यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश का बल्कि भारत के सबसे आधुनिक हवाई अड्डों में से एक होगा. इसके शुरू होने से दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर सारी तैयारियां तय समय पर पूरी हो जाती हैं तो इसका भव्य उद्घाटन नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले हफ्ते में किया जा सकता है. यह परियोजना क्षेत्रीय विकास और व्यापार दोनों के लिए अहम मानी जा रही है.
जहां एक ओर जेवर एयरपोर्ट उड़ान भरने की तैयारी में है, वहीं देश में कुछ ऐसे हवाई अड्डे हैं जिन्हें उद्घाटन के कुछ समय बाद ही बंद करना पड़ा.
बुंदेलखंड का पहला चित्रकूट एयरपोर्ट मार्च 2024 में शुरू हुआ था, लेकिन केवल चार महीने बाद ही इसकी उड़ानें बंद हो गईं. करीब एक साल से यहां कोई भी यात्री सेवा संचालित नहीं हुई है.
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन अक्टूबर 2021 में हुआ था. अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिलने के बावजूद, यहां से आज तक एक भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू नहीं हो सकी.
आजमगढ़ से नवंबर 2024 तक लखनऊ के लिए उड़ानें चलीं, लेकिन यात्रियों की कमी के कारण परिचालन बंद करना पड़ा. अलीगढ़ एयरपोर्ट पर भी सिर्फ एक महीने के भीतर सेवाएं रोक दी गईं.
मुरादाबाद एयरपोर्ट ने सीमित चार दिन की उड़ानें शुरू की थीं, जो जल्दी ही बंद हो गईं. श्रावस्ती एयरपोर्ट का मामला खास इसलिए रहा क्योंकि यहां आसपास कोई रेलवे स्टेशन तक नहीं है. लखनऊ से 153 किलोमीटर दूर होने के कारण यात्रियों की संख्या बहुत कम रही और एयरपोर्ट बंद करना पड़ा.
अक्टूबर 2024 में उद्घाटन हुआ, लेकिन अब तक कोई भी उड़ान चालू नहीं हो सकी है.
बड़े पैमाने पर अस्थाई बंद - जब एक साथ 32 एयरपोर्ट हुए प्रभावित
मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सीमा तनाव के चलते उत्तर और पश्चिम भारत के 32 हवाई अड्डों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था.
इस सूची में अमृतसर, अंबाला, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हिंडन, जम्मू, जोधपुर, लेह, श्रीनगर जैसे अहम एयरबेस शामिल थे. हालांकि कुछ समय बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्थिति सामान्य होने पर इन हवाई अड्डों को दोबारा शुरू करने का आदेश जारी किया.
जेवर एयरपोर्ट न केवल दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक दबाव को कम करेगा बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाएगा. यह एयरपोर्ट शुरू होते ही लाखों यात्रियों के लिए नई उड़ानों और बेहतर कनेक्टिविटी का रास्ता खोलेगा.