filing AY 2025-26: आयकर विभाग ने साफ किया है कि हाल ही में कुछ करदाताओं को भेजे गए संदेश केवल सलाह देने के लिए हैं. इनका मकसद किसी पर कार्रवाई शुरू करना नहीं है, बल्कि लोगों को अपनी जानकारी जांचने का मौका देना है. विभाग के अनुसार, ये संदेश उन्हीं मामलों में भेजे गए हैं, जहां आयकर रिटर्न में दी गई जानकारी और विभाग के पास मौजूद लेनदेन की जानकारी में साफ अंतर दिखाई देता है. ये जानकारी बैंकों और अन्य संस्थानों से विभाग को मिलती है.
आयकर विभाग चाहता है कि करदाता अपना एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) ध्यान से देखें. अगर कोई गलती या कमी नजर आती है तो कम्प्लायंस पोर्टल के जरिए फीडबैक दें। जरूरत पड़ने पर पहले से भरा गया रिटर्न संशोधित किया जा सकता है या देर से रिटर्न दाखिल किया जा सकता है.
असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए रिटर्न रिवाइज करने या देर से रिटर्न भरने की लास्ट तारीख 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. विभाग ने करदाताओं से समय रहते कदम उठाने की अपील की है.
आयकर विभाग ने कहा है कि अगर किसी करदाता का रिटर्न पूरी तरह सही है और सभी जानकारियां सही दी गई हैं, तो ऐसे संदेशों को नजरअंदाज किया जा सकता है.
कुछ मामलों में टैक्स रिफंड देर से मिल रहा है. इसकी वजह ये है कि विभाग बड़े और संदिग्ध रिफंड दावों की जांच कर रहा है. हालांकि, छोटे और सही रिफंड जारी किए जा रहे हैं.
आयकर विभाग विदेशी संपत्ति और विदेश से होने वाली आय की जानकारी को लेकर भी सतर्क है. जिन मामलों में ये जानकारी रिटर्न में नहीं दी गई, वहां लोगों को सचेत किया जा रहा है ताकि वे समय रहते सुधार कर सकें.
कानून के अनुसार आय और संपत्ति की सही जानकारी देना जरूरी है. गलत या अधूरी जानकारी देने पर जुर्माना और अन्य कार्रवाई हो सकती है. इसलिए करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने दस्तावेज और रिटर्न दोबारा जांच लें.