भारत में टैक्स सिस्टम को और सरल बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी 2.0 की घोषणा की है. इस नए ढांचे में केवल दो स्लैब रखे गए हैं, 5% और 18%. सरकार का उद्देश्य है कि आम जरूरत की चीजों पर टैक्स का बोझ कम हो और लग्जरी व हानिकारक वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाया जाए. नया सिस्टम 22 सितंबर 2025 से लागू होगा.
जीएसटी 2.0 में पहली बार 40% का एक नया स्लैब बनाया गया है, जो केवल Luxury और Sin Goods पर लागू होगा. इसमें शामिल हैं,
1. सभी प्रकार का एरेटेड वाटर
2. कार्बोनेटेड व कैफीन युक्त ड्रिंक्स
3. नॉन-अल्कोहॉलिक फ्लेवर्ड बेवरेजेज
4. 350cc से ऊपर इंजन वाली मोटरसाइकिलें
5. यॉट्स (Yachts) और हेलीकॉप्टर 6. 1200cc से बड़ी पेट्रोल कारें और 1500cc से बड़ी डीजल कारें
इस बदलाव से साफ है कि रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी, लेकिन लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर जेब ढीली करनी पड़ेगी.
अब से सॉफ्ट ड्रिंक्स, फ्लेवर वाले पेय और लग्जरी वाहन पहले से ज्यादा महंगे हो जाएंगे. खासकर महंगी कारें और मोटरसाइकिलें खरीदने वालों पर बड़ा असर पड़ेगा. वहीं, यॉट और हेलीकॉप्टर जैसी लग्जरी चीजों पर भी भारी टैक्स लगेगा.
सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य है,
1. आम जनता पर टैक्स का बोझ घटाना.
2. लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं की खपत पर नियंत्रण रखना.
3. रेवेन्यू बढ़ाना और टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाना.
फिलहाल तंबाकू उत्पादों को 28% स्लैब में ही रखा गया है, लेकिन संकेत मिले हैं कि भविष्य में इन्हें भी 40% स्लैब में शामिल किया जा सकता है.
जीएसटी 2.0 आम जनता के लिए राहत और लग्जरी चीजें खरीदने वालों के लिए बोझ बढ़ाने वाला साबित होगा. जहां जरूरी सामान सस्ते होंगे, वहीं शौक और तलब पूरी करने के लिए अब ज्यादा खर्च करना पड़ेगा.