हर साल टैक्सपेयर्स को समय सीमा के अंदर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना जरूरी होता है. समय पर ITR भरना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह आपके लिए कई वित्तीय लाभ भी खोलता है- जैसे बैंक लोन, वीजा प्रोसेसिंग और सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता.
इस साल रिटर्न भरने की आखिरी तारीख पहले 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दिया गया है. रिटर्न फाइल करने के बाद अगर आपने ज्यादा टैक्स जमा किया है, तो आपको रिफंड मिलना चाहिए. लेकिन कई लोग शिकायत कर रहे हैं कि रिफंड अब तक उनके खाते में नहीं आया. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? चलिए जानते हैं.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और ई-वेरिफिकेशन के बाद भी अगर आपका रिफंड नहीं आया है, तो यह सिर्फ आपके साथ नहीं हो रहा. इस बार आयकर विभाग ने रिफंड जारी करने की प्रक्रिया को काफी सख्त कर दिया है.
हर रिटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है. पुराने रिटर्न्स को भी दोबारा जांचा जा रहा है. जिन मामलों में क्लेम संदिग्ध हैं या दस्तावेज अधूरे हैं, वहां प्रोसेसिंग फंस रही है.
इसका उद्देश्य फर्जी क्लेम्स और टैक्स फ्रॉड को रोकना है. इसलिए कई टैक्सपेयर्स को रिफंड के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है.
अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो सबसे पहले उसका स्टेटस चेक करें.
1. इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करें.
2. View Filed Returns / Refund Status सेक्शन में जाएं.
3. वहां आपको पता चल जाएगा कि आपका रिफंड प्रोसेस कहां अटका है.
अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट आयकर विभाग के पोर्टल पर लिंक और प्री-वैलिडेटेड है. अगर यह प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद भी रिफंड नहीं आया है, तो आप e-Nivaran पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. ध्यान रखें कि अगर देरी आयकर विभाग की तरफ से हो रही है, तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 244A के तहत आपको बकाया रिफंड पर ब्याज भी मिलेगा.