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कितने प्रकार के होते हैं सर्वाइकल कैंसर, क्या हैं इसके लक्षण?

सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है. HPV संक्रमण प्रमुख कारण है. वैक्सीन, पैप स्मीयर टेस्ट और सुरक्षित यौन संबंध से बचाव संभव है. शुरुआती पहचान जरूरी है.

👤 Samachaar Desk 23 Oct 2025 08:44 PM

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है, जो यूटरस (गर्भाशय) के निचले हिस्से यानी सर्विक्स में होता है. सर्विक्स वह हिस्सा है जो गर्भाशय को योनि (वेजाइना) से जोड़ता है. यह महिलाओं में सबसे आम कैंसरों में से एक माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल विश्व भर में लगभग 6 लाख नई महिलाओं को यह बीमारी होती है और लगभग 3.5 लाख महिलाएं इसकी वजह से अपनी जान गंवा देती हैं. भारत में यह महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है. यह ज्यादातर 30 से 50 वर्ष की महिलाओं में देखा जाता है, खासकर उन महिलाओं में जो HPV वैक्सीन नहीं लगवातीं या नियमित पैप स्मीयर टेस्ट नहीं करवातीं.

सर्वाइकल कैंसर के प्रकार और कारण

सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:

1. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: यह सर्विक्स की बाहरी सतह के स्क्वैमस सेल्स (चमड़ी जैसे सेल्स) में विकसित होता है.

2. एडेनोकार्सिनोमा: यह अंदरूनी ग्रंथियों के सेल्स में होता है.

इस कैंसर के सबसे प्रमुख कारणों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण है. इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध, धूम्रपान, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, कम उम्र में यौन संबंध बनाना और एक से अधिक यौन साथी होना भी जोखिम बढ़ाते हैं.

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षण

आरएमएल अस्पताल की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सलोनी चड्ढा के अनुसार, इस कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य संक्रमण जैसे दिखते हैं, इसलिए इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. इसके तीन मुख्य लक्षण हैं:

1. असामान्य योनि रक्तस्राव: पीरियड्स के बीच, यौन संबंध के बाद या मेनोपॉज़ के बाद अचानक ब्लीडिंग हो सकती है.

2. असामान्य डिस्चार्ज: योनि से बदबूदार, पानी जैसा या खून मिलाया हुआ स्राव निकलना.

3. पेल्विक क्षेत्र में दर्द: योनि या यौन संबंध के दौरान दर्द होना, जो समय के साथ बढ़ता है. पेट के निचले हिस्से में भारीपन महसूस होना भी आम है.

इसके अतिरिक्त कमजोरी, वजन घटना, पीठ या पैरों में दर्द, पेशाब करते समय जलन या बार-बार पेशाब लगना भी संकेत हो सकते हैं. जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, ये लक्षण गंभीर हो जाते हैं.

बचाव के तरीके

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:

HPV वैक्सीन लगवाना: 9 से 26 वर्ष की आयु में यह वैक्सीन लगवाना सबसे प्रभावी माना जाता है. नियमित पैप स्मीयर टेस्ट: हर तीन साल में यह टेस्ट करवाना चाहिए ताकि कैंसर को शुरुआती चरण में पकड़ा जा सके. असुरक्षित यौन संबंध से बचाव: कंडोम का प्रयोग और एकल यौन साथी बनाना जरूरी है. धूम्रपान और शराब से परहेज: ये आदतें इम्यून सिस्टम को कमजोर करती हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं. स्वस्थ आहार और स्वच्छता का ध्यान: शरीर को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक भोजन और साफ-सफाई बनाए रखें. असामान्य लक्षणों को न अनदेखा करें: अगर कोई भी असामान्य लक्षण लगातार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यदि इसे समय रहते पहचाना जाए और सही इलाज किया जाए, तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है.