दिल्ली में पहले से ही प्रदूषण का लेवल स्वास्थ्य के लिए चुनौती बना हुआ है. ऐसे में सर्द हवाओं के बीच H3N2 वायरस ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. यह मौसमी फ्लू का एक प्रकार है, जो खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रहा है. अचानक तेज बुखार, लगातार खांसी और गले में खराश जैसे लक्षणों के चलते लोग चिंतित हैं कि कहीं ये नार्मल वायरल से ज्यादा खतरनाक तो नहीं.
H3N2 वास्तव में इन्फ्लूएंजा A वायरस का ही एक रूप है. ये वायरस हर साल मौसम के बदलते समय सक्रिय हो जाता है और बहुत तेजी से फैलता है. इसकी खासियत यह है कि भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे मेट्रो, बाजार या स्कूल में ये व्यक्ति से व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाता है. यही वजह है कि दिल्ली जैसे महानगर में इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं.
दिल्ली की ठंडी और प्रदूषित हवा पहले ही सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा देती है. ऐसे माहौल में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. यही कारण है कि लोग जल्दी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं.
प्रदूषण और ठंड का कॉम्बिनेशन संक्रमण को तेज करता है. कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे और बुज़ुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है.
इस वायरस के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन ये अचानक और तीव्र रूप में दिख सकते हैं.
अचानक तेज बुखार आना लगातार खांसी और गले में खराश सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द नाक का बंद होना या बहना कभी-कभी उल्टी और जी मिचलाना
इन लक्षणों को हल्के में न लें और लगातार बने रहने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
H3N2 से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रखें.
बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें. साबुन या सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोएं. विटामिन C से भरपूर फल और हरी सब्जियां खाकर इम्यूनिटी मजबूत करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें. बिना डॉक्टर की सलाह दवाइयां न लें. पर्याप्त नींद और आराम करें ताकि शरीर जल्दी रिकवर कर सके.
H3N2 वायरस कोई नया खतरा नहीं है, लेकिन प्रदूषण और ठंड की वजह से इसका असर दिल्ली में ज्यादा दिखाई दे रहा है. सावधानी बरतना, साफ-सफाई बनाए रखना और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से समय पर जांच कराना ही सबसे अच्छा बचाव है. जागरूक रहकर आप खुद को और अपने परिवार को इस फ्लू से सुरक्षित रख सकते हैं.