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काम करते हुए थकावट जल्दी क्यों महसूस होती है? जानें बर्नआउट से बचने के साइंटिफिक और सिंपल ट्रिक्स

How to prevent burnout at work : ऑफिस पहुंचते ही अगर कुछ घंटों में ही थकावट महसूस होने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें. ये सिर्फ थकान नहीं, बर्नआउट हो सकता है.

👤 Samachaar Desk 29 Jul 2025 06:27 PM

सुबह की शुरुआत चाहे कितनी भी पॉजिटिव सोच के साथ हो, लेकिन ऑफिस पहुंचने के कुछ घंटों बाद ही शरीर और दिमाग थका हुआ महसूस करने लगता है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? यह एक संकेत हो सकता है कि आप बर्नआउट की स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं. एक ऐसी कंडीशन जो धीरे-धीरे आपकी प्रोडक्टिविटी, मेंटल स्टेबिलिटी और फिजिकल हेल्थ को निगल सकती है.

आज की तेज रफ्तार जिंदगी, काम का बढ़ता प्रेशर और स्क्रीन टाइम का ओवरलोड हमारे नर्वस सिस्टम पर भारी पड़ता है. लेकिन अच्छी खबर ये है कि इस स्थिति को समझकर और कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है.

बर्नआउट क्या है और क्यों नजरअंदाज नहीं करना चाहिए?

‘The New Me’ किताब के लेखक और वेलनेस एक्सपर्ट गगन धवन बताते हैं कि बर्नआउट कोई नया शब्द नहीं है. यह मानसिक और शारीरिक थकावट की एक गंभीर स्थिति है जिसे WHO ने 2019 में ऑक्यूपेशनल फिनॉमेनन के तौर पर मान्यता दी थी. यानी यह केवल थकान नहीं, बल्कि काम से जुड़ा एक हेल्थ अलार्म है, जिसे समय रहते समझना बेहद जरूरी है.

भारत में क्यों है बर्नआउट का सबसे ज्यादा असर?

McKinsey Health Institute की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 59% कर्मचारी बर्नआउट के लक्षण अनुभव करते हैं जो कि ग्लोबल एवरेज से कहीं अधिक है. इसकी वजह केवल लंबे घंटे काम करना नहीं है, बल्कि वह काम करना है जो हमें मानसिक संतोष नहीं देता.

काम से जुड़ाव ना हो तो थकान तय है

अगर आपका रोज का काम आपके मूल उद्देश्य, गोल्स या वैल्यू से मेल नहीं खाता, तो चाहे आप 10 घंटे काम करें या 5 घंटे, थकावट और निराशा पक्की है. जरूरी है कि आप अपने जॉब टाइटल से ऊपर उठकर ये सोचें, “मैं ये काम क्यों कर रहा/रही हूं?”

रूटीन नहीं, रिचुअल अपनाएं

कई लोग मानते हैं कि बर्नआउट की जड़ कम नींद है, लेकिन सच्चाई ये है कि हमारी मानसिक शांति ही असली इलाज है. ऑफिस पहुंचते ही सीधे लैपटॉप खोलने के बजाय एक छोटा-सा रिचुअल बनाएं जैसे कुछ मिनट का ध्यान, चाय के साथ ब्रेक या किसी दोस्त से बात करना.

सीखें ‘ना’ कहना और खुद को समय देना

ऑफिस में हर बार ‘हां’ कहना और हर जिम्मेदारी लेना धीरे-धीरे आपको थका देता है. अपने लिमिट को पहचानें और ना कहने की हिम्मत रखें. दिन के अंत में खुद को एक घंटे का डिजिटल डिटॉक्स दें जहां न फोन हो, न ईमेल.

हाइड्रेशन और डाइट का रखें ध्यान

सिर्फ कॉफी और चाय से दिन निकालना आपके शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है. नियमित रूप से पानी पीना बर्नआउट को कम करने में सहायक हो सकता है. साथ ही, फास्ट फूड की जगह न्यूट्रिशस लंच और टाइम पर ब्रेकफास्ट लें.