सफेद बासमती चावल भारतीय खानपान का अहम हिस्सा हैं. लेकिन डायबिटीज या वेट लॉस की बात आए तो ज्यादातर लोग इन्हें अपनी थाली से हटा देते हैं. इसका मुख्य कारण है वाइट राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI), जो काफी ज्यादा होता है. इसके कारण ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती है और लंबे समय तक अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है. लेकिन क्या वाइट राइस को हेल्दी बनाया जा सकता है? न्यूट्रीशनिस्ट लीमा महाजन के अनुसार, कुछ आसान तरीकों से आप इसे सुरक्षित और पौष्टिक बना सकते हैं.
1. अच्छी तरह धोएं: चावल को तब तक धोएं जब तक पानी पूरी तरह साफ न हो जाए. इससे चावल में मौजूद आर्सेनिक निकल जाता है, जो लंबे समय में कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है.
2. सही पानी का अनुपात: पानी और चावल का अनुपात 1:6 रखें. यानी 1 कप चावल के लिए लगभग 6 कप पानी इस्तेमाल करें. चावल को हमेशा उबालकर पकाएं, इससे स्टार्च कम होता है और चावल अच्छे से पकते हैं.
3. खुशबू और शुगर कंट्रोल: चावल में दो लौंग, तेजपत्ता और दालचीनी डालें. इससे चावल खुशबूदार होंगे और खाने के बाद ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ेगी.
4. देसी घी का इस्तेमाल: हल्के से पकने के बाद चावल में आधा चम्मच देसी घी मिलाएं. देसी घी में ब्यूटीरिक एसिड और CLA होता है, जो कार्ब्स के पाचन को धीमा करता है और शुगर स्पाइक कम करता है.
5. एक्स्ट्रा पानी निकालें: चावल पक जाए तो उन्हें छानकर अतिरिक्त पानी निकाल दें. इससे चावल में मौजूद स्टार्च कम हो जाएगा और यह ज्यादा हेल्दी बनेंगे.
लीमा महाजन के अनुसार, डायबिटीज या गट इश्यू वाले लोग फ्रेश चावल की बजाय बासी चावल खाएं. बासी चावल में रेजिस्टेंट स्टार्च बन जाता है, जो पाचन के लिए अच्छा है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है.
सफेद चावल नुकसानदायक नहीं हैं, बशर्ते इन्हें सही तरीके से पकाया जाए और प्रोटीन-फाइबर-हेल्दी फैट के साथ खाया जाए. दाल, पनीर या टोफू, साथ में सलाद, सब्जियां और देसी घी मिलाकर खाने से चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और बैलेंस्ड मील तैयार होती है. साथ ही, यह ध्यान रखें कि कितनी मात्रा में चावल खा रहे हैं.
वाइट राइस को सही तरीके से पकाकर और हेल्दी चीजों के साथ खाने से आप डायबिटीज और वजन बढ़ने के जोखिम को कम कर सकते हैं. इसका आनंद सुरक्षित और पौष्टिक तरीके से लिया जा सकता है.