अगर आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं, तो 22 अक्टूबर का दिन आपके लिए खास होने वाला है. नेटफ्लिक्स पर एक जबरदस्त हॉरर फिल्म रिलीज होने जा रही है जिसने पहले थिएटर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. रहस्य, डर और सस्पेंस से भरपूर इस फिल्म ने दर्शकों को सिनेमाघरों में जमकर डराया और अब बारी है ओटीटी प्लेटफॉर्म की. खास बात यह है कि फिल्म को हिंदी में भी रिलीज किया गया है, जिससे यह और ज्यादा दर्शकों तक पहुंच सकेगी. IMDb पर इसे 7.9 की सराहनीय रेटिंग मिली है, जो इसके कंटेंट की मजबूती को दर्शाता है.
इस फिल्म का नाम ‘वश 2’ है. यह फिल्म मूल रूप से एक गुजराती प्रोडक्शन है, लेकिन इसे हिंदी में भी डब करके रिलीज किया गया था. शुरुआत में फिल्म को लेकर कोई बड़ा प्रचार नहीं था, लेकिन इसके कंटेंट और दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं ने इसका ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा दिया. फिल्म की कहानी, अभिनय और निर्देशन की सराहना होते-होते यह फिल्म एक मजबूत बॉक्स ऑफिस उपस्थिति बनाने में कामयाब रही.
‘वश 2’ महज 8 करोड़ रुपये के बजट में बनाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद इसने लगभग 12.35 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली. यह आंकड़ा दर्शाता है कि एक अच्छी कहानी और मजबूत अभिनय किस तरह दर्शकों को सिनेमाघर तक खींच सकते हैं.
फिल्म का निर्देशन कृष्ण देव यादव ने किया है, जिन्होंने कहानी को इतने सधे हुए अंदाज में प्रस्तुत किया कि दर्शकों को आखिरी सीन तक कुर्सी से बांधे रखा. फिल्म में हितेन कुमार, नीलम पंचाल और जांगीद पटेल ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं, जबकि अभिनेत्री जानकी बोदीवाला ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से दर्शकों की रूह तक हिला दी. जानकी को इसके पहले पार्ट ‘वश’ के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है.
एक दिलचस्प तथ्य यह है कि 'वश' की कहानी को बॉलीवुड में भी जगह मिल चुकी है. अजय देवगन और आर. माधवन स्टारर फिल्म ‘शैतान’, इसी फ्रेंचाइज़ी की पहली फिल्म ‘वश’ की हिंदी रीमेक है. ‘शैतान’ ने भी अपने रहस्यमयी प्लॉट और शानदार निर्देशन से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी थी.
यदि आप थ्रिल, सस्पेंस और डर के बीच झूलती कहानियों में रुचि रखते हैं, तो ‘वश 2’ आपके लिए एक परफेक्ट वॉच हो सकती है. कहानी केवल डराने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसमें मनोवैज्ञानिक गहराई और भावनात्मक परतें भी देखने को मिलती हैं. इसके साथ ही, जब एक रीजनल फिल्म इतनी सफलता हासिल करती है और फिर ओटीटी पर पहुंचती है, तो यह एक मौका होता है न केवल मनोरंजन का, बल्कि क्षेत्रीय सिनेमा की ताकत को समझने का भी.