फिल्म बनाने से पहले कास्टिंग से लेकर हर छोटी-बड़ी चीज पर खास ध्यान दिया जाता है. लेकिन बॉलीवुड में ऐसा अक्सर होता है कि शूटिंग शुरू होते-होते स्टार कास्ट में बदलाव हो जाता है और ये बदलाव फिल्म की तकदीर पर गहरा असर डालते हैं. ऐसी ही एक कहानी रणबीर कपूर की फिल्म ‘बेशरम’ से जुड़ी है, जो 12 साल पहले बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई थी. हालांकि ये फिल्म अपनी कहानी से ज्यादा, शूटिंग के पीछे चल रहे कास्टिंग विवादों की वजह से चर्चा में रही.
फिल्म ‘बेशरम’ के निर्देशक अभिनव कश्यप ने हाल ही में इस फिल्म की कास्टिंग पर हुए ड्रामे का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि रणबीर कपूर उस समय अपनी गर्लफ्रेंड को फिल्म में लेने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें इंडस्ट्री में कटरीना कैफ माना जाता था. रणबीर चाहते थे कि वो फिल्म के मेन किरदार में हों, लेकिन अंततः वह रोल नई अभिनेत्री पल्लवी शारदा को मिला. इस फैसले ने फिल्म के पीछे की कहानियों को लेकर कई अफवाहों को जन्म दिया.
अभिनव कश्यप ने बताया कि ‘बेशरम’ की कास्टिंग के दौरान उन्हें बहुत दबाव झेलना पड़ा. रणबीर कपूर ने कश्यप से कहा था कि कटरीना इस भूमिका के लिए परफेक्ट हैं और उन्होंने निर्देशक से उनकी कास्टिंग पर विचार करने को कहा. कश्यप ने इस बात का खुलकर विरोध किया और स्पष्ट किया कि उनके लिए किरदार की सच्चाई ज्यादा मायने रखती है. उनका मानना था कि कटरीना उस वक्त इस किरदार के लिए सही विकल्प नहीं थीं.
अभिनव कश्यप ने आगे बताया कि फिल्म के किरदार के लिए उन्हें एक दिल्ली की पंजाबी लड़की की जरूरत थी, जिसके हिंदी उच्चारण पर पूरा ध्यान दिया गया. उस वक्त कटरीना का हिंदी बोलना उतना प्रभावशाली नहीं था और इसे छिपाना मुश्किल था. इस वजह से उन्हें अक्सर एनआरआई या विदेशी किरदारों में ही कास्ट किया जाता था. इसीलिए कश्यप ने फैसला किया कि ये रोल किसी नई एक्ट्रेस को दिया जाए जो किरदार से पूरी तरह मेल खाती हो.
‘बेशरम’ का बॉक्स ऑफिस पर नाकाम होना केवल फिल्म की कहानी या निर्देशन की वजह से नहीं था, बल्कि इसके पीछे की कास्टिंग उलझनों ने भी इसकी तकदीर को प्रभावित किया। रणबीर कपूर की इस फिल्म की असफलता ने यह साबित किया कि फिल्म में सही कलाकारों का चुनाव कितना महत्वपूर्ण होता है। 12 साल बाद यह कास्टिंग ड्रामा आज भी बॉलीवुड की दिलचस्प कहानियों में से एक माना जाता है.
फिल्मों में कास्टिंग के ऐसे विवादों से हमें ये सीख मिलती है कि कलाकारों का चयन केवल लोकप्रियता या रिश्तों पर नहीं बल्कि किरदार की जरूरत और फिल्म की गुणवत्ता पर आधारित होना चाहिए. तभी कोई फिल्म सच्चे मायनों में सफल हो पाती है.