Vivah panchami puja bhog: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह वही तिथि है जब भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था. भक्त इस दिन उनके दिव्य मिलन का उत्सव मनाते हैं और अपने वैवाहिक जीवन में शुभता की कामना करते हैं. पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में विवाह पंचमी 25 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन श्रद्धाभाव से पूजा करने और विशेष भोग अर्पित करने से वैवाहिक जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम मजबूत होता है. आइए जानते हैं इस दिन अर्पित किए जाने वाले पांच विशेष भोग और उनका महत्व.
पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को मिलाकर तैयार किया जाता है. पूजा में इसे सबसे पवित्र भोग माना जाता है. महत्व: माना जाता है कि पंचामृत अर्पित करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. यह दांपत्य जीवन में पवित्रता और एकता को बढ़ाता है.
श्रीराम को मीठा केसर भात प्रिय माना गया है, जबकि खीर माता सीता का प्रिय व्यंजन माना जाता है. दूध और घी से बने ये पकवान विशेष शुभ माने जाते हैं. महत्व: इन व्यंजनों का भोग लगाने से घर में धन-संपत्ति का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक बाधाएं दूर होने की मान्यता है.
वनवास के समय राम-सीता कंदमूल और फलों का सेवन करते थे. इसलिए विवाह पंचमी की पूजा में इन्हें अर्पित करना उनकी सरल जीवनशैली और तपस्या को नमन करने जैसा है. महत्व: ऐसा माना जाता है कि कंदमूल का भोग लगाने से जीवन के संकट कम होते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी मार्ग मिल जाता है.
मालपुआ एक पारंपरिक मीठा पकवान है जिसे कई शुभ अवसरों पर बनाया जाता है. घी में बने इस व्यंजन को भोग के रूप में अर्पित करना शुभ माना जाता है. महत्व: मालपुआ का भोग दांपत्य जीवन में मिठास और प्रेम बढ़ाने वाला माना जाता है. यह वैवाहिक संबंधों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.
माता सीता को सुहाग का प्रतीक जैसे सिंदूर, बिंदी, लाल चुनरी और चूड़ियां अर्पित करने की परंपरा है. विवाहित महिलाएं विशेष रूप से इस भोग को शामिल करती हैं. महत्व: ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और पति-पत्नी का संबंध मजबूत माना जाता है.
विवाह पंचमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि वैवाहिक संबंधों को सम्मान देने और उन्हें मजबूत बनाने का अवसर है. श्रद्धा और सरलता से किए गए भोग और पूजा से मन को शांति मिलती है और घर-परिवार में सकारात्मक वातावरण बनता है.