कई बार हमारे जीवन में बिना किसी कारण के परेशानियां बढ़ जाती हैं। कभी घर में लगातार बीमारियां होने लगती हैं, तो कभी पारिवारिक कलह खत्म होने का नाम नहीं लेती। ऐसे में यह मान लेना कि यह केवल संयोग है, गलत हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष घटनाएं घर में वास्तु दोष होने का संकेत देती हैं। यदि समय रहते इन संकेतों को न पहचाना जाए, तो यह जीवन में बड़े संकट का कारण बन सकती हैं।
सबसे पहले, यदि आपके घर में लगातार बिजली के उपकरण खराब हो रहे हैं, तो यह एक प्रमुख संकेत हो सकता है कि घर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ा हुआ है। इसी तरह, पौधे बार-बार सूखना या पालतू जानवरों का अस्वस्थ रहना भी वास्तु दोष का इशारा करता है। घर में कोई भी शुभ कार्य बार-बार रुकना या विवादों में बदल जाना, मानसिक तनाव और नींद की समस्या होना – ये सभी घटनाएं वास्तु दोष के लक्षण मानी जाती हैं।
वास्तु शास्त्र में कुछ उपायों के माध्यम से इन दोषों का समाधान किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, घर के मुख्य द्वार को स्वच्छ और प्रकाशयुक्त रखें। तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके अलावा, घर के हर कोने की नियमित सफाई और नमक-पानी से पोंछा लगाने से भी नकारात्मक ऊर्जा कम होती है। घर में नींबू, कपूर और गूगल का धूप-दीप जलाना भी वातावरण को शुद्ध करता है।
यदि कोई विशेष दिशा में भारी सामान रखा गया हो, जिससे ऊर्जा प्रवाह में रुकावट आ रही हो, तो उसे हटाकर उचित दिशा में शिफ्ट करना भी आवश्यक है। वास्तु सलाहकार से सलाह लेना भी एक उचित विकल्प हो सकता है।
इसलिए, यदि आप भी इन घटनाओं को अपने घर में महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें नजरअंदाज न करें। तुरंत उपाय करके अपने जीवन को शांति और समृद्धि की ओर ले जाएं।