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Shardiya Navratri 2025: भूलकर भी नवरात्र में न करें ये गलतियां, नाराज होंगी मां दुर्गा, व्रत भी रहेगा अधूरा!

Shardiya Navratri 2025 का पावन पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. जानें व्रत में क्या करें और किन चीजों से बचें ताकि मां दुर्गा की कृपा प्राप्त हो.

👤 Samachaar Desk 16 Sep 2025 02:12 PM

शारदीय नवरात्र का शुभ पर्व 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा. यह नौ दिवसीय पर्व मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों को समर्पित है. भक्त इस दौरान उपवास रखते हैं, घरों में कलश स्थापना करते हैं और मां दुर्गा की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि इस पावन पर्व में क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए.

नवरात्र में क्या करें?

नवरात्र की शुरुआत शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना से करनी चाहिए. यह मां दुर्गा को घर में आमंत्रित करने का प्रतीक माना जाता है. नौ दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस अवधि में घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखना भी आवश्यक है, क्योंकि स्वच्छता से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

अखंड ज्योति जलाना नवरात्र का एक अहम हिस्सा है. यदि आपने इसे जलाया है तो नौ दिनों तक इसे बुझने न दें. सात्विक भोजन करना भी व्रत का महत्वपूर्ण नियम है. फल, दूध, कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन व्रतधारियों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं.

इसके साथ ही मां दुर्गा के मंत्रों का जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मन को शांति मिलती है और पूजा का फल बढ़ जाता है. नवरात्र के दौरान दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

नवरात्र में किन चीजों से बचें?

नवरात्र के नौ दिनों में तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, प्याज और लहसुन का सेवन पूरी तरह वर्जित है. ऐसा करना पूजा की पवित्रता को भंग कर सकता है. इसके अलावा इस दौरान बाल कटवाना और नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, व्रत के समय चमड़े से बनी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए. बेल्ट, जूते-चप्पल या पर्स जैसी चीजों से दूरी बनाना शुभ होता है. शराब और तंबाकू का सेवन भी इस पवित्र पर्व में सख्ती से वर्जित है.

दिन में सोने से बचें

व्रतधारियों को दिन में सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे व्रत भंग माना जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नवरात्र में किसी का अपमान न करें. विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि मां दुर्गा स्वयं स्त्री शक्ति का प्रतीक हैं.

यदि इन नियमों का पालन श्रद्धापूर्वक किया जाए, तो मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है.