दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है और यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है और सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है. इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. परंपरा है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में धन और सौभाग्य का आगमन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस की शाम को एक छोटा-सा उपाय करने से सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है?
धनतेरस की शाम को ‘धनवर्षा पोटली’ बनाना बेहद शुभ माना जाता है. यह पोटली मां लक्ष्मी की कृपा और घर की आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक होती है. इसे घर में रखने से धन, सुख और समृद्धि का प्रवाह बना रहता है. मान्यता है कि यह पोटली घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता लाती है.
धनवर्षा पोटली तैयार करने के लिए इन सामग्रियों की आवश्यकता होती है — हल्दी की गांठ, चांदी का सिक्का, लक्ष्मी जी की तस्वीर, सुपारी, गोमती चक्र, कौड़ी, कमलगट्टा, इलायची, लौंग, अक्षत (चावल) और धनिया.
1. सबसे पहले एक साफ पीला कपड़ा लें.
2. उसमें ऊपर बताई सभी चीजें रखें.
3. इन्हें मां लक्ष्मी को पूजा के दौरान अर्पित करें.
4. पूजा के बाद इन्हें उसी कपड़े में बांधकर पोटली बना लें.
5. यह पोटली अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रखें.
ऐसा करने से सालभर घर में धन की बरकत बनी रहती है और आर्थिक तंगी दूर होती है.
धनतेरस की रात दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि दीपक की रोशनी से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और मां लक्ष्मी का स्वागत होता है.
हर कमरे में और घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं.
दीपक की लौ घर में शांति, सुख और समृद्धि लाती है.
इससे बुरी नजर और दुर्भाग्य का प्रभाव भी कम होता है.
कहा जाता है कि जितने अधिक दीपक जलाए जाते हैं, घर में उतनी ही ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है. इसलिए, इस धनतेरस पर धनवर्षा पोटली बनाना और दीपक जलाना न भूलें — क्योंकि यही दो उपाय मां लक्ष्मी की कृपा पाने और जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखने की कुंजी हैं.