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संस्कार नहीं दिए तो…, कैलाश विजयवर्गीय का Raja Raghwanshi हत्याकांड पर फूटा गुस्सा, Sonam पर कसा तीखा तंज! देखें Video

Sonam Raghuwanshi Case: मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोपी सोनम की तुलना ‘पूतना’ से करते हुए कहा कि बिना संस्कार के बच्चे दैत्य बन जाते हैं. उन्होंने माताओं से बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देने की अपील की. सोनम ने अपने प्रेमी की मदद से पति राजा की हत्या कर दी थी और शव को मेघालय की खाई में फेंक दिया था.

👤 Samachaar Desk 11 Jun 2025 08:38 PM

मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस मामले को सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक संस्कारों के पतन की तस्वीर बताया. मंत्री ने कहा कि अगर बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार नहीं दिए जाएं, तो वे सोनम जैसे कृत्य कर बैठते हैं. उनका मानना है कि इंदौर की बेटी सोनम ने पूरे शहर को कलंकित कर दिया है. उन्होंने महिलाओं की तुलना पौराणिक पात्र पूतना से करते हुए माताओं-बहनों को चेतावनी दी कि बच्चों को केवल पढ़ाएं नहीं, बल्कि सही संस्कार भी दें.

शिक्षा नहीं, संस्कार जरूरी

विजयवर्गीय ने कहा कि आज के दौर में बच्चों को सिर्फ पढ़ाई में आगे बढ़ाना ही काफी नहीं है. अगर उनमें संस्कार नहीं होंगे, तो वे पाश्विक प्रवृत्ति की ओर बढ़ सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में ममता, करुणा और प्रेम का होना बेहद जरूरी है, वरना वे भावनाहीन दानव बन सकते हैं. उन्होंने माताओं से अपील की कि चाहे खुद एक रोटी कम खाएं, लेकिन बच्चों को अच्छे संस्कार देना न भूलें.

‘पशु बन जाएंगे बिना ममता के बच्चे’

उन्होंने पूतना की कहानी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जो महिला ममता, करुणा और प्रेम से खाली हो, वो पूतना बन जाती है. पूतना वह थी जो भगवान कृष्ण को दूध में ज़हर मिलाकर मारना चाहती थी. मंत्री ने कहा कि सोनम जैसे लोग भावनाओं से शून्य होते हैं, और समाज के लिए खतरा बन जाते हैं.

क्या है पूरा मामला?

सोनम और राजा की शादी 11 मई को हुई थी और दोनों हनीमून मनाने मेघालय गए थे. 23 मई को सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह और उसके साथियों की मदद से राजा की हत्या कर दी और शव को एक गहरी खाई में फेंक दिया. यह वारदात तब सामने आई जब सोनम 17 दिन बाद गाजीपुर में मिली और पुलिस जांच में सब कुछ उजागर हुआ. यह केस अब एक सामाजिक चेतावनी बन चुका है कि केवल डिग्रियों से नहीं, संस्कारों से भी जीवन बनता और बिगड़ता है.