सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों और किशोरों की सुरक्षा अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए Meta ने भारत में इंस्टाग्राम के लिए कई नए फीचर्स लॉन्च किए हैं, जो खासतौर पर टीनएज यूज़र्स की ऑनलाइन सेफ्टी को बेहतर बनाएंगे.
अब अगर कोई टीनएजर किसी से डायरेक्ट मैसेजिंग शुरू करता है अगर दोनों एक-दूसरे को फॉलो करते हों तो इंस्टाग्राम एक सेफ्टी टिप दिखाएगा. इसमें यूज़र को चेतावनी दी जाएगी कि सामने वाले की प्रोफाइल को ध्यान से जांचें और किसी भी संदिग्ध हरकत पर सतर्क रहें. खासतौर पर निजी जानकारी शेयर न करने की सलाह दी जाएगी.
एक और नया फ़ीचर यह है कि अब चैट बॉक्स के टॉप पर सामने वाले यूज़र का अकाउंट कब बना था (महीना और साल) यह जानकारी दिखेगी. इससे किशोर यूज़र्स को यह अंदाजा लगाना आसान होगा कि कहीं सामने वाला फेक या स्कैम अकाउंट तो नहीं है.
पहले जहां किसी को ब्लॉक और रिपोर्ट करने के लिए दो अलग-अलग स्टेप्स होते थे, अब टीनएजर्स एक ही क्लिक में किसी यूज़र को ब्लॉक और रिपोर्ट दोनों कर सकेंगे. यह सुविधा उन्हें किसी भी असहज स्थिति से तेज और प्रभावी तरीके से बाहर निकलने में मदद करेगी.
Meta ने बच्चों (13 साल से कम) के लिए भी सख्त नियम लागू किए हैं. ऐसे अकाउंट्स जो पेरेंट्स या गार्जियन्स द्वारा मैनेज किए जा रहे हैं, उन्हें डिफॉल्ट रूप से सबसे सख्त प्राइवेसी सेटिंग्स मिलेंगी. इनमें शामिल हैं:
1 मैसेजिंग कंट्रोल्स
2 अपमानजनक शब्दों के लिए “Hidden Words” फ़िल्टर
3 इंस्टाग्राम फीड के टॉप पर सेफ्टी अलर्ट
Meta का साफ कहना है कि अगर कोई बच्चा स्वयं ऐसा अकाउंट चला रहा पाया गया, तो वह अकाउंट तुरंत हटा दिया जाएगा.
भारत इंस्टाग्राम का एक प्रमुख मार्केट है, और यहां के युवाओं की डिजिटल सुरक्षा को लेकर Meta का ये कदम स्वागत योग्य है. नए बदलाव न केवल बच्चों को सुरक्षित रखेंगे, बल्कि माता-पिता को भी सोशल मीडिया को लेकर थोड़ी राहत देंगे.