उत्तर प्रदेश में शनिवार तड़के एक बार फिर पुलिस और अपराधियों के बीच आमने-सामने की मुठभेड़ हुई. वारदात में कुख्यात बदमाश शंकर कनौजिया, जिस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया. शंकर पर हत्या, लूट और अपहरण जैसे कई संगीन मामले दर्ज थे और वह वर्ष 2011 से फरार चल रहा था.
एसटीएफ की वाराणसी यूनिट को जानकारी मिली थी कि शंकर कनौजिया अपने गिरोह के साथ आजमगढ़ क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. पुलिस ने जहानागंज थाना क्षेत्र में घेराबंदी कर उसे पकड़ने की कोशिश की. तभी शंकर ने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें शंकर गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने 9 एमएम की एक कार्बाइन, 9 एमएम की पिस्टल, खुखरी और बड़ी मात्रा में जिंदा व खोखा कारतूस बरामद किए. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शंकर बेहद शातिर किस्म का अपराधी था और लंबे समय से अपने गिरोह के साथ संगठित अपराधों को अंजाम दे रहा था.
शंकर कनौजिया का आपराधिक इतिहास बेहद खौफनाक रहा है. वर्ष 2011 में उसने दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान विंध्याचल पांडे नामक व्यक्ति की हत्या कर गला काट दिया था और तभी से फरार था. इसके बाद उसने लगातार अपराध की दुनिया में सक्रिय रहकर कई वारदातों को अंजाम दिया.
सबसे सनसनीखेज वारदात जुलाई 2024 में हुई, जब उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर जनपद महाराजगंज निवासी शैलेंद्र सिंह का अपहरण किया. इस दौरान न सिर्फ उनकी लोडर गाड़ी लूटी गई बल्कि उनकी हत्या कर धड़ से सिर अलग कर दिया गया. इस घटना के बाद पुलिस ने शंकर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था.
पुलिस का कहना है कि शंकर की आपराधिक गतिविधियों की पूरी जांच की जा रही है. उसके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है. विधिक कार्रवाई के तहत आगे की प्रक्रिया जारी है.