Bahraich Case: बहराइच जिले में 13 अक्टूबर 2024 को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. मुख्य अभियुक्त सरफराज को फांसी की सजा दी गई है, जबकि अन्य नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है. कुल 13 अभियुक्तों में से तीन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.
ये मामला थाना हरदी क्षेत्र के महराजगंज बाजार का है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद इलाके में हिंसा फैल गई. लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ की. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने कई दिनों तक इंटरनेट बंद कर दिया था.
जिला सत्र न्यायालय के अपर जिला जज प्रथम पवन कुमार शर्मा द्वितीय ने 13 महीने और 26 दिन तक चले ट्रायल के बाद फैसला सुनाया. अदालत ने सभी सबूतों और गवाहियों की गहन समीक्षा के बाद 10 अभियुक्तों को दोषी पाया, जबकि तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया गया.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ आर्म्स एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने हत्या और हिंसा के पीछे की साजिश की कड़ी जांच की.
फैसले के बाद मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार को न्याय मिला। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषियों को कड़ी सजा देकर अपराध के गंभीर परिणामों को दर्शाया गया है.
मामले के दौरान प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी थी. हिंसा फैलने पर इंटरनेट बंद किया गया और पुलिस बल की मदद से स्थिति को नियंत्रण में रखा गया.