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Punjab: अब कोई बच्चा नहीं मांगेगा भीख, भगवंत मान सरकार ने 367 बच्चों को बचाया

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'ऑपरेशन जीवनज्योत' के तहत पिछले 9 महीनों में 367 बच्चों को भीख मांगने और कचरा बीनने जैसी स्थिति से बचाया गया है।

👤 Saurabh 20 Jul 2025 10:07 PM

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए एक सराहनीय अभियान चला रही है। ‘ऑपरेशन जीवनज्योत’ नाम के इस अभियान के तहत बीते 9 महीनों में 367 बच्चों को भीख मांगने और कचरा बीनने जैसी हालत से बाहर निकाला गया है। ये वे मासूम थे, जिनके हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं, लेकिन हालात ने उन्हें कटोरा पकड़ा दिया था।

कहां से बचाए गए बच्चे?

सरकार ने यह अभियान खासकर रेलवे स्टेशन, बाजार, मंदिर, ट्रैफिक सिग्नल और अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में चलाया, जहां बच्चों से भीख मंगवाने या उन्हें कचरा बीनने में लगाया जाता है। सितंबर 2024 में शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक 753 बचाव अभियान चलाए जा चुके हैं।

350 बच्चे लौटे अपने घर

अब तक 350 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया जा चुका है, जबकि जिन बच्चों के परिवार का कोई सुराग नहीं मिला, उन्हें बाल गृहों में सुरक्षित रखा गया है। कुछ बच्चों की पहचान डीएनए जांच के जरिए की जा रही है ताकि सही परिजनों तक उन्हें पहुंचाया जा सके।

शिक्षा और सहायता भी मिली

सरकार ने सिर्फ बच्चों को बचाया ही नहीं, बल्कि उनका भविष्य भी संवारने का काम किया है:

183 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया

13 छोटे बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में भर्ती किया गया

30 गरीब बच्चों को ₹4,000 प्रति माह की आर्थिक मदद दी जा रही है

16 बच्चों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया

13 बच्चों को स्वास्थ्य बीमा भी मिला है

सख्त कानून का प्रावधान

अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे से जबरदस्ती भीख मंगवाता है या मानव तस्करी करता है, तो उसे 5 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। वहीं, अगर कोई अभिभावक बार-बार अपने बच्चे को भीख मंगवाने पर मजबूर करता है, तो उसे 'अनफिट पेरेंट' घोषित किया जाएगा और राज्य सरकार उस बच्चे की जिम्मेदारी लेगी।

सीएम भगवंत मान का ड्रीम प्रोजेक्ट

‘ऑपरेशन जीवनज्योत’ भगवंत मान सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उनका सपना है ऐसा पंजाब बनाना, जहां कोई बच्चा भूखा न सोए, सड़क पर न रहे और अपनी पहचान न खोए। यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर बच्चे को सम्मान और अवसर देने की पहल है।