पंजाब पुलिस इन दिनों दो बड़े मामलों की वजह से सुर्खियों में है। एक तरफ भ्रष्टाचार में फंसे डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर का मामला है, तो दूसरी ओर पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की रहस्यमयी मौत ने पूरे पुलिस तंत्र को हिला कर रख दिया है। दोनों घटनाओं ने न सिर्फ पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि राजनीति में भी हलचल मचा दी है।
16 अक्टूबर को सीबीआई ने डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को एक कबाड़ व्यापारी से 8 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी को उनके घर से लगभग 5 करोड़ रुपये नकद, महंगी कारें और सोना भी मिला। इस घटना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
भुल्लर पहले राजनेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मामलों की जांच करने वाले एक विशेष दल के प्रमुख रह चुके हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार अचानक नहीं होता यह एक लंबे समय से चल रही व्यवस्था की कमी है।
वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भुल्लर को निलंबित कर दिया और कहा कि उनकी सरकार की नीति “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” की है।
दूसरी तरफ, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और उनकी पत्नी, कांग्रेस नेता रजिया सुल्ताना के बेटे अकील अख्तर की पंचकूला स्थित घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अकील ने मौत से पहले कई वीडियो रिकॉर्ड किए थे।
एक वीडियो में उसने अपने परिवार पर हत्या की साजिश और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। पड़ोसी की शिकायत पर पुलिस ने मुस्तफा, रजिया, उनकी बेटी और बहू के खिलाफ हत्या और साजिश का मामला दर्ज किया।
हालांकि, इसके बाद एक दूसरा वीडियो सामने आया, जिसमें अकील ने कहा कि वह मानसिक बीमारी (सिज़ोफ्रेनिया) से पीड़ित था और उसे ज़हर दिए जाने का भ्रम हो रहा था। उसने अपने परिवार से माफ़ी मांगी और कहा कि वे उसका ख्याल रखते थे।