पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तरनतारन में एक बड़े कार्यक्रम में एलान किया कि पंजाब अब देश का पहला राज्य बन गया है, जिसके पास पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन को गिराने की अपनी तकनीक है। यह कदम नशे की तस्करी को रोकने के लिए उठाया गया है, क्योंकि अधिकतर ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान से नशे की सप्लाई के लिए होता है।
मान ने बताया कि पहले चरण में तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं, और जल्द ही पूरे राज्य में कुल नौ सिस्टम होंगे। पंजाब का 532 किलोमीटर लंबा बॉर्डर पाकिस्तान से लगता है, और इन सिस्टम की मदद से वहां से आने वाले नापाक इरादों को नाकाम किया जा सकेगा। इस तकनीक पर करीब 51.41 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नशा-रोधी अभियान के तहत एक और पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पंजाब के 3,068 स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के लगभग आठ लाख बच्चों को नशे के खतरों के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिक बच्चों को क्लास में जागरूक करेंगे।
मान ने बताया कि 2009 तक पंजाब में करीब एक हजार युवक नशे की चपेट में थे, लेकिन 2015 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 20 लाख हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल के शासन में नशे का कारोबार खूब फला-फूला और यहां तक कि उस समय कुछ मंत्रियों की गाड़ियों में नशा ढोया जाता था।
मुख्यमंत्री ने पंजाब पुलिस और डीजीपी गौरव यादव की सराहना की कि अब पुलिस के पास अत्याधुनिक तकनीक की कोई कमी नहीं है।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नशे के खिलाफ इस अभियान में सरकार को जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है। नशा तस्करों को जेल में डालने के साथ उनकी अवैध संपत्ति जब्त की जा रही है। इन संपत्तियों को बेचकर पंजाब में नए स्कूल और अस्पताल बनाए जाएंगे। साथ ही, जो युवा नशे की लत में हैं, उनका मुफ्त इलाज करके उन्हें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे फिर से सामान्य जीवन जी सकें।