दिल्ली अब केवल देश की राजधानी नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक बसों की राजधानी भी बनने जा रही है। दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि मार्च 2026 तक 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। इन बसों के शामिल होने के बाद दिल्ली का इलेक्ट्रिक बस बेड़ा 5,000 से भी ज्यादा हो जाएगा। परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा जीरो-एमिशन बस नेटवर्क बनाया जाए, ताकि प्रदूषण कम हो और यात्रा सुविधाजनक बने।
डिपो बन रहे हैं ‘इलेक्ट्रिक हब’
राजधानी में फिलहाल 25 बस डिपो पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाए जा चुके हैं। आने वाले चार महीनों में सभी 63 डिपो हाई-वोल्टेज चार्जिंग सिस्टम से लैस हो जाएंगे। दिल्ली में कुल 63 बस डिपो और 16 टर्मिनल हैं जिनमें 23 क्लस्टर डिपो और 40 डीटीसी डिपो शामिल हैं। इन सभी को नई इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।
छोटी बस, बड़ा कवरेज
दिल्ली की सड़कों पर अब 9 मीटर की छोटी इलेक्ट्रिक DEVi बसें भी दौड़ेंगी। ये बसें तंग गलियों और छोटे इलाकों में आसानी से चल सकेंगी, जहां पहले बड़ी बसें नहीं पहुंच पाती थीं। परिवहन विभाग के अनुसार, इन बसों ने कई कॉलोनियों और मोहल्लों में सेवा शुरू कर दी है, जिससे लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल रही है।
IIT दिल्ली की स्मार्ट प्लानिंग
बसों के संचालन को और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने IIT दिल्ली के साथ साझेदारी की है। इस योजना के तहत बसों के रूट और टाइमिंग यात्रियों की जरूरतों के अनुसार तय किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को बस स्टॉप पर ज्यादा देर तक इंतजार न करना पड़े। परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कहा, “हम दिल्ली के नागरिकों को आरामदायक, भरोसेमंद और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन व्यवस्था देने के लिए काम कर रहे हैं।”
दिल्ली की मौजूदा बस सेवाएं
इस समय दिल्ली में करीब 5,000 बसें चल रही हैं — जिनमें CNG, बड़ी इलेक्ट्रिक बसें और 9 मीटर की DEVi बसें शामिल हैं। ये बसें 426 शहर रूट, 12 एनसीआर रूट और 70 DEVi रूट पर सेवा दे रही हैं।
त्योहारी सीजन के दौरान भी बस सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। हालांकि कुछ कम भीड़ वाले रूटों पर बसों की आवृत्ति थोड़ी घटाई गई है।
2026 तक का बड़ा लक्ष्य
दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति 2020 के अनुसार, 2026 तक कुल 10,480 बसें दिल्ली में चलेंगी। इनमें से 80% यानी लगभग 8,280 बसें इलेक्ट्रिक होंगी। 2026 की दूसरी छमाही में सरकार 12 मीटर की बड़ी इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल करेगी।