दिल्ली में पिछले कई दिनों से हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है. राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार 400 के पार दर्ज हो रहा है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है. ऐसी हवा में सांस लेना भी सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इस बीच, बढ़ते प्रदूषण से राहत देने के लिए सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है, जिससे लाखों लोगों को सीधी राहत मिल सकती है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली सरकार को सलाह दी है कि सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे 50% कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाए. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली में फिलहाल GRAP 3 लागू है, लेकिन प्रदूषण स्थिति गंभीर होने के चलते GRAP 3 का फेज 2 सक्रिय किया जा रहा है. इसमें GRAP 4 के कुछ नियम भी शामिल किए जा रहे हैं.
यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे हवा में धूल और धुएं का स्तर घट सकता है.
प्रदूषण बढ़ने के साथ ही बॉर्डर पर चेकिंग भी कड़ी कर दी गई है. दिल्ली में आने वाले हर वाहन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, खासकर उन गाड़ियों पर जो प्रदूषण बढ़ाने में योगदान करती हैं. जहाँ धूल ज्यादा है, वहां लगातार पानी का छिड़काव कर हवा में उड़ने वाली धूल को कम किया जा रहा है.
GRAP यानी Graded Response Action Plan, दिल्ली NCR में प्रदूषण कम करने के लिए बनाया गया एक सिस्टम है.
GRAP 3 के फेज 2 में शामिल हैं:
सरकारी कर्मचारियों की तरह ही प्राइवेट कंपनियों को भी इसी तरह की व्यवस्था अपनाने की सलाह दी जा सकती है. हालांकि फिलहाल यह सिफारिश सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है.
जब भी सरकार Work From Home लागू करती है, तब हर ऑफिस में केवल आधे कर्मचारी ही फिजिकल रूप से काम करते हैं. मान लीजिए किसी दफ्तर में 100 लोग काम करते हैं— तो नियम लागू होते ही सिर्फ 50 कर्मचारी ऑफिस आएंगे, जबकि बाकी 50 घर से ऑनलाइन जुड़े रहेंगे.
1. ऑड ईवन शेड्यूल
2. साप्ताहिक रोटेशन
इससे दफ्तरों में भीड़ कम होगी और सड़कों पर ट्रैफिक भी घटेगा — जिसका सीधा फायदा हवा की गुणवत्ता को मिलेगा.