बिग बॉस का हर सीजन चर्चाओं से भरपूर रहता है, लेकिन इस बार सुर्खियों में हैं शहबाज बदेशा, जिन्होंने बिग बॉस 19 में वाइल्ड कार्ड एंट्री ली है. जैसे ही वह घर में दाखिल हुए, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि क्या शहबाज को शो में सिर्फ इसलिए बुलाया गया क्योंकि वह शहनाज गिल के भाई हैं? शहनाज पहले ही बिग बॉस 13 की सुपरहिट फाइनलिस्ट रह चुकी हैं, ऐसे में लोगों ने शहबाज की एंट्री को "नेपो एंट्री" कहते हुए ट्रोल करना शुरू कर दिया.
अब इन आरोपों पर पहली बार शहबाज के पिता संतोख सिंह ने खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हां, अगर नाम की वजह से बुलाया गया है तो इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि भाई-बहन वही होते हैं, जो एक-दूसरे के दम पर खड़े हों.
शहबाज के पिता बोले, “हां, आया है बहन के नाम पर, इसमें शर्म कैसी?” एक इंटरव्यू में संतोख सिंह ने कहा, “अगर बहन के नाम पर आया है, तो आया है. इसमें कोई शक नहीं. आज मैं भी इंटरव्यू दे रहा हूँ तो वो शहनाज और शहबाज के कारण ही दे रहा हूँ. मेरे बच्चे हैं, एक-दूसरे की जान देने वाले.”
पिता के इस जवाब ने साफ कर दिया कि परिवार को इस बात से कोई परेशानी नहीं कि शहबाज को शहनाज की वजह से लाइमलाइट मिली. उनके मुताबिक, यदि परिवार में कोई सेलिब्रिटी हो या बड़ा अधिकारी, तो उसका नाम परिवार वाले स्वाभाविक रूप से इस्तेमाल करते हैं. इसमें कोई शर्म या गलत बात नहीं.
“शहनाज के दम पर आया, लेकिन आगे जो कर रहा है, अपने दम पर कर रहा है” संतोख सिंह ने आगे कहा, “हां, शहनाज की वजह से लोग उसे जानते हैं, लेकिन अब वह जो शो में कर रहा है, अपने दम पर कर रहा है. नाम मिलता है, लेकिन पहचान खुद बनानी पड़ती है.”
यानी पिता का कहना है कि शुरुआत भले ही परिवार की वजह से मिली हो, लेकिन आगे की उपलब्धियां शहबाज के खुद के मेहनत पर आधारित हैं.
शहबाज की एंट्री के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो तरह से बंट गए, एक वर्ग कह रहा है कि शहनाज की लोकप्रियता का फायदा उठाया गया. दूसरा वर्ग मानता है कि बिग बॉस में हर कोई अपनी परफॉर्मेंस के दम पर ही टिकता है.
शहबाज को 'एंटरटेनर', 'ह्यूमर-ब्रिंगर' और 'ड्रामा क्रिएटर' के रूप में देखा जा रहा है, जो शो में मसाला बढ़ाते हैं.
बिग बॉस 19 का प्रीमियर अगस्त 2025 में हुआ था. करीब 3 महीने चले इस सीजन का ग्रैंड फिनाले 7 दिसंबर 2025 को हुआ. वाइल्ड कार्ड के रूप में आए शहबाज की मौजूदगी ने शो के आखिरी हफ्तों में काफी एंटरटेनमेंट बढ़ाया.
इस पूरी बहस का सार यही है कि मनोरंजन जगत में पहचान कभी परिवार, कभी टैलेंट, और कभी दोनों के मिश्रण से मिलती है. लेकिन दर्शकों का दिल जीतना, यह किसी के बस की बात नहीं, इसके लिए खुद को साबित करना पड़ता है. शहबाज के पिता का कहना भी यही है कि शुरुआत चाहे बहन की वजह से हो, लेकिन आगे का रास्ता शहबाज खुद लिख रहा है.