Logo

Delhi News: दिवाली पर आग लगने की घटनाओं में 15% की कमी, दमकल सेवा हाई अलर्ट पर

इस दिवाली दिल्ली दमकल सेवा को कुल 269 कॉलें मिलीं, जो पिछले साल के 318 कॉल्स की तुलना में लगभग 15% कम हैं। ज्यादातर कॉलें पटाखों और दीयों से लगी छोटी आग की घटनाओं के लिए थीं।

👤 Saurabh 21 Oct 2025 05:50 PM

इस साल दिवाली पर दिल्ली दमकल सेवा (DFS) को कुल 269 कॉलें मिलीं, जो पिछले साल के 318 कॉल्स की तुलना में लगभग 15 फीसदी कम हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह संख्या पिछले 13 वर्षों में सबसे ज्यादा कॉल्स में से एक है। सौभाग्य से इस दौरान किसी की जान जाने या गंभीर चोट लगने की कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

कॉल्स का विवरण

दमकल अधिकारियों के अनुसार, इन 269 कॉल्स में से 122 कॉलें पटाखों से जुड़ी थीं। ज्यादातर कॉलें दीयों और पटाखों की वजह से लगी छोटी-मोटी आग की घटनाओं के लिए थीं। इसके अलावा, दो कॉल मेक-4 और एक कॉल मेक-6 दमकल वाहनों से संबंधित थीं।

पूरी सेवा हाई अलर्ट पर

डीएफएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिवाली के पूरे त्योहार के दौरान विभाग हाई अलर्ट पर था। सभी दमकल केंद्रों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम को पूरे शहर में तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले से विस्तृत योजना बनाई गई थी।

छुट्टियां रद्द और तैयारी

अधिकारी ने कहा कि इस दौरान सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं। इसके साथ ही सभी दमकल वाहनों और उपकरणों की जांच की गई ताकि उन्हें तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रखा जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली अग्निशमन सेवा दिवाली के दौरान आग लगने की घटनाओं से निपटने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है।

पिछले वर्षों की तुलना

डीएफएस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्षों में दिवाली पर आग संबंधी कॉल्स की संख्या इस प्रकार रही:

2011: 206 कॉल्स, 2012: 184 कॉल्स, 2013: 177 कॉल्स, 2014: 211 कॉल्स, 2015: 290 कॉल्स, 2016: 243 कॉल्स, 2017: 204 कॉल्स, 2018: 271 कॉल्स, 2019: 245 कॉल्स, 2020: 205 कॉल्स, 2021: 152 कॉल्स, 2022: 201 कॉल्स और 2023: 208 कॉल्स

इस साल सबसे ज्यादा कॉल्स शाम 6 बजे से रात 11:59 बजे के बीच आईं। वहीं, आधी रात से सुबह 6 बजे के बीच 144 कॉल्स मिलीं।

अधिकारी की प्रतिक्रिया

उप अग्निशमन प्रमुख ए.के. मलिक ने कहा कि इस साल कॉल्स की संख्या में कमी बेहतर जन जागरूकता और एहतियाती उपायों का संकेत है। साथ ही उन्होंने कहा कि तुलनात्मक रूप से कम घटनाएं एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय को भी दर्शाती हैं।