बच्चों की सुरक्षा हर पेरेंट और परिवार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है. आज के समय में डिजिटल दुनिया और रियल वर्ल्ड दोनों में बदलाव तेजी से हो रहे हैं. बच्चों के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं. ऐसे में माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों पर हर चीज पर रोक-टोक लगाई जाए. रोक-टोक से उनके मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है.
बच्चों को प्यार और बातचीत के जरिए यह समझाना जरूरी है कि सुरक्षा का मतलब डरना नहीं है. उन्हें यह सीखना चाहिए कि किसी खराब स्थिति में कैसे सही निर्णय लेना और अपनी रक्षा करना है.
बच्चे चाहे घर के अंदर हों या बाहर सड़क, स्कूल, ट्रैवलिंग जैसी जगहों पर उन्हें यह पता होना चाहिए कि अपरिचित लोगों से कैसे व्यवहार करना है और किसी मुश्किल स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देना है. माता-पिता का रोल इस प्रक्रिया में सबसे अहम है.
छोटी उम्र से बच्चों को सुरक्षा के सही नियम समझा देने से उन्हें जीवन में सतर्कता और आत्मविश्वास आता है.
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताना जरूरी है. उन्हें समझाएं कि उनके शरीर के कुछ हिस्से सिर्फ उनके अपने होते हैं और कोई भी उन्हें बिना अनुमति छू नहीं सकता. अगर कोई इंसान उन्हें ऐसा करने को कहे तो उसे मना करना चाहिए। केवल पेरेंट्स और परिवार के भरोसेमंद सदस्य ही बच्चों की मदद कर सकते हैं.
बच्चों को यह समझाएं कि अगर कोई उन्हें बहादुरी दिखाने के लिए खतरे वाले काम करने को कहे जैसे ऊंचाई से कूदना या कोई खतरनाक जगह पर चढ़ना तो उसे बिल्कुल ना कहें और तुरंत पेरेंट्स को बताएं। यह उनके सुरक्षा के लिए जरूरी है.
अगर कोई बच्चा को कहे कि कुछ न बताएं और कुछ खिलाए या गेम खेलाएं, तो बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि किसी भी सीक्रेट को छुपाना ठीक नहीं है. हमेशा अपने पेरेंट्स को पूरी जानकारी दें.
डिजिटल दुनिया में भी बच्चों के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं. बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि इंटरनेट और फोन का इस्तेमाल केवल सीखने और मनोरंजन के सुरक्षित तरीके से करें. अपनी फोटो, स्कूल या घर की जानकारी किसी अजनबी के साथ साझा न करें. अनजान लिंक या वीडियो न खोलें. किसी भी डरावनी या संदिग्ध चीज का सामना करने पर तुरंत पेरेंट्स को बताएं.
सुरक्षा केवल बाहर ही नहीं, घर में भी जरूरी है. किसी अजनबी के आने पर दरवाजा न खोलें. अगर कोई डर लगे या असहज महसूस हो, तो तुरंत बड़ों को बताएं। घर में बिजली, गैस और नुकीली चीजों के इस्तेमाल को लेकर भी बच्चों को सतर्कता सिखाएं.
बच्चों को इन सरल और महत्वपूर्ण नियमों को सिखाने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है और वे सुरक्षित, सतर्क और आत्मविश्वासी बनते हैं.