अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी सामानों पर 1 अगस्त से 25% टैक्स (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि अगर भारत रूस से तेल और गैस खरीदता है तो उस पर अलग से जुर्माना भी लगाया जाएगा। ट्रंप के इस फैसले से भारत-अमेरिका के बीच व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है।
इस फैसले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला बेहद गंभीर है और इससे भारत का अमेरिका के साथ व्यापार नष्ट हो सकता है। थरूर ने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर जुर्माना 25 डॉलर से बढ़कर 35-45 डॉलर तक हो सकता है, और चर्चा तो 100% जुर्माने की भी चल रही है। इससे भारत का अमेरिका के साथ कारोबार बहुत महंगा और नुकसानदायक हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत की जरूरतों को भी समझना होगा। भारत का टैरिफ औसतन 17% है और अमेरिकी सामान भारतीय बाजार में वैसे भी ज्यादा बिकाऊ नहीं होता। इसीलिए भारत के टैरिफ को "अनुचित" कहना गलत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी नहीं साधी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर जुर्माना WTO (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों का उल्लंघन है। चिदंबरम ने कहा, "सिर्फ दोस्ती की बातें करना या फोटो खिंचवाना काफी नहीं है, ठोस व्यापार समझौते और बातचीत जरूरी होती है।"
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर यह ऐलान किया और कहा कि भारत ने अब तक अमेरिका के साथ कम व्यापार किया है क्योंकि भारत के टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने भारत पर रूस और चीन से करीबी व्यापारिक रिश्ते रखने का भी आरोप लगाया।
भारत सरकार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि उसने ट्रंप के बयान को गंभीरता से नोट किया है और इसके असर का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच एक फेयर और संतुलित व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है और भारत इस बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है।
यह मुद्दा भारत-अमेरिका के बीच व्यापार और कूटनीति दोनों के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।